त्रिवेंद्र रावत केदारनाथ से बैरंग लौटे : बोया पेड़ बबूल का आम कहां से होय -धीरेंद्र प्रताप
देहरादून
उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने आज बाबा केदारनाथ के दर्शन को गए पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के तीर्थ पुरोहितों के भारी विरोध के चलते पवित्र बाबा के मंदिर से भगवान केदारनाथ जी के बिना दर्शन किए बैरंग लौटने की घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि” बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से होय।”
धीरेंद्र प्रताप ने पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ तीर्थ पुरोहितों द्वारा किए गए व्यवहार पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि क्योंकि वह भी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं यदि कहीं किसी राजनीतिक कार्यकर्ता का अपमान होता है तो उन्हें भी दुख होता है और मुख्यमंत्री स्तर के व्यक्ति का अपमान हो तो और भी दुखद है उन्होंने कहा त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री रहते चौकी तीर्थ पुरोहितों की भावनाओं और जज्बातों का ख्याल नहीं किया यही कारण है कि आज उन्हें अपमान और उपहास का पात्र बनना पड़ा उन्होंने कहा कि सत्ता में आना एक बात है और जन आकांक्षाओं के अनुरूप फैसले लेना दूसरी बात है।
उन्होंने प्रधानमंत्री के 5 तारीख को केदारनाथ जी के दौरे को भी इस संदर्भ से जोड़ते हुए श्री नरेंद्र मोदी से भी मांग की है कि वे तीर्थ पुरोहितों की आकांक्षाओं और उनकी आजीविका को चलाने की मजबूरियों को भी समझे और केदारनाथ जाने से पहले तीर्थ पुरोहितों की आकांक्षाओं के अनुरूप देवस्थानम बोर्ड को धन किए जाने और स्थानीय पुरोहितों के अधिकारों को पूर्व व्रत रखे जाने की घोषणा करें ताकि जनता ने जो ने भारी समर्थन दिया है उनके केदारनाथ जाने पर उनको भी अपमान का पात्र ना बनना पड़े।
धीरेंद्र प्रताप