उत्तर प्रदेश

साइबर ठगो ने बीटेक इंजीनियर को भी झांसे में लेकर की ठगी।

नोयडा:-  (उप्र) गौतमबुद्धनगर जिले में साइबर ठगी के रोज कई मामले सामने आ रहे हैं। साइबर ठग न केवल तकनीक से अंजान लोगों, बल्कि जानकारी रखने वालों को भी शिकार बना रहे हैं। इसके बावजूद ठगी की रिपोर्ट लंबे समय बाद दर्ज हो रही हैं।
इसी कड़ी में एक साइबर ठग ने बीटेक अंतिम वर्ष के छात्र के मोबाइल पर कॉल कर खुद को उसका बाबा बताया और व्हॉट्सएप पर क्यूआर कोड का लिंक भेजकर खाते से 25 हजार रुपये निकाल लिए। इसके अलावा अन्य लोगों से फोनपे कैश बैक देने और लोन दिलाने के नाम पर भी ठगी की गई।
दादरी की गुर्जर कॉलोनी निवासी पीयूष शर्मा का कहना है कि वह बीटेक अंतिम वर्ष का छात्र है। 8 अगस्त को उसके मोबाइल पर अज्ञात नंबर से कॉल आई थी।

 

कॉल करने वाले ने कहा कि मैं बाबा बोल रहा हूं। पीयूष को लगा कि कोई जरूरी काम होगा और बाबा ने किसी अन्य व्यक्ति के नंबर से कॉल की है। इसके चलते वह उसे बाबा समझ बैठा। आरोपी कॉलर ने कहा कि उन्होंने उसके व्हॉट्सएप पर कुछ भेजा है उसे चेक कर ले। पीयूष ने जैसे ही व्हॉट्सपर पर भेजे गए लिंक-क्यूआर कोड को क्लिक किया, तो वह स्कैन हो गया और उसके बैंक खाते से 25 हजार रुपये निकाल लिए गए।

पीयूष का कहना है कि क्यूआर कोड पर क्लिक करने के बाद गूगल पे पर अटैच किए गए बैंक अकाउंट से रुपये कटे हैं। कॉल बैक करने पर आरोपी ने पीयूष को धमकी दी। पीयूष का कहना है कि वह साइबर ठगों की करतूत से वाकिफ है और सावधान रहता है, लेकिन आरोपी के बाबा के नाम से दिए गए झांसे को वह समझ नहीं पाया। पुलिस को शिकायत देने के चार माह बाद केस दर्ज किया गया है।

कैश बैक के नाम पर एप डाउनलोड कराकर 7100 रुपये ठगे दादरी की नई बस्ती निवासी श्यामवीर सिंह के मोबाइल पर 8 अक्तूबर को अंजान व्यक्ति की कॉल आई। कॉल करने वाले ने कहा कि वह फोनपे से बोल रहा है। उनका फोनपे कैश बैक रुका हुआ है।

कैश बैक प्राप्त करने के लिए आरोपी ने एक एप डाउनलोड करने का झांसा दिया। एप डाउनलोड करने पर खाते से पहले 1200 रुपये और फिर 5900 रुपये निकल गए।

लोन दिलाने के बहाने 34 हजार रुपये हड़पे
दादरी के गगन विहार निवासी सचिन सीसीटीवी का काम करते हैं। 19 सितंबर को उनके मोबाइल पर अंजान व्यक्ति ने कॉल की और खुद को बैंक का प्रतिनिधि बताकर लोन दिलाने का झांसा दिया। आरोपी ने प्रोसेसिंग फीस का झांसा देकर सचिन से 24 हजार रुपये हड़प लिए।

इसी तरह बैरंगपुर निवासी प्रमोद कुमार को भी 18 अगस्त को कॉल कर लोन दिलाने का झांसा दिया गया और दस्तावेज आदि व्हॉट्सएप पर मंगाने के बाद प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 10 हजार रुपये ठग लिए गए। सभी मामलों में साइबर अपराध शाखा की जांच के बाद दादरी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई है।

अंजान नंबर, लिंक और ईमेल से रहें सावधान
जिले में अब तक जितने भी साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं, इनमें अधिकांश की पड़ताल में पता चला है कि साइबर ठग अंजान नंबर से कॉल करते हैं। फिर लिंक भेजते हैं या फिर ईमेल करते हैं, इसलिए साइबर ठगी से बचने के लिए अंजान व्यक्ति की कॉल आदि आने पर हमेशा अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।

क्यूआर कोड भेजकर भी ठगी के मामले सामने आ रहे हैं। इससे सावधान रहने की आवश्यकता है। क्यूआर कोड पर क्लिक करते ही वह अपने आप स्कैन हो जाता है और मोबाइल में लिंक किए गए बैंक अकाउंट से साइबर ठग खाते से रुपये निकाल लेते हैं। इससे बचने के लिए अंजान व्यक्ति और अंजान नंबर से भेजे गए क्यूआर कोड पर क्लिक न करें।
-बलजीत सिंह, साइबर सेल प्रभारी

 

 

 

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