नरेश उनियाल– आवंला पादप साम्राज्य का एक फलदार वृक्ष है..जो कि 20 से 25 फुट तक बड़ा होता है.एशिया,यूरोप और अफ्रीका में पाया जाने वाला ऑवला भारत में हिमालयी क्षेत्र में बहुतायत में पाया जाता है.इसके फल हरे,चिकने व गूदेदार होते हैं.
आँवले का वैज्ञानिक नाम ‘रिबीस युवा-क्रिप्सा’ है.संस्कृत में इसे अमृता,अमृतफल,आमलकी और पंचरसा आदि कहते हैं,जबकि अंग्रेजी में यह एँब्लिक माइरीबालन या इण्डियन गूजबेरी कहलाता है.
स्वास्थ्य की दृष्टि से है लाभदायक—
स्वास्थ्य की दृष्टि से आँवला वास्तव में अमृतफल ही है..प्राचीन ग्रन्थकारों ने इसे शिवा (कल्याणकारी),वयस्था (अवस्था को बनाये रखने वाला) तथा धात्री (माँ के समान रक्षक) कहा है.आँवला विटामिन सी का सर्वोत्तम प्राकृतिक स्रोत है.
आँवला दाह,रक्तपित्त,अरुचि,त्रिदोष,दमा,खाँसी,श्वास रोग,कब्ज,क्षय,छाती के रोग,हृदय रोग और मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है
भारतवर्ष के अतिरिक्त ब्रिटेन,फ्रांस,इटली,स्कॉटलैण्ड और नार्वे आदि देशों में पाये जाने वाले इस अमृतफल के संरक्षण व संवर्धन की नितान्त आवश्यकता है.ताकि यह जीवनदायक फल सुगमता से मिलता रहे.