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उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे 1140 किलोमीटर के क्षेत्र में 2000 शव मिले।

उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के किनारे 1140 किलोमीटर के दायरे में 2000 से ज्यादा शव मिले थे। उत्तर प्रदेश के 27 जिलों में बहती मां गंगा की धाराएं शायद यही दर्द बयां कर रही हैं। उनका तरीका कुछ अलग है। तभी तो जिन लाशों को दफन कर सच्चाई छिपाने की कोशिश की गई, उन्हें मां गंगा ने खुद बाहर निकाल दिया।

गंगा यूपी के जिलों में 1140 किलोमीटर का सफर तय करके हुए बिहार में दाखिल होती है। इनमें कानपुर, कन्नौज, उन्नाव, गाजीपुर और बलिया में हालात बेहद खराब है। तो बाकी जिलों में हालात काबू में दिखे।

इन जिलों में सबसे खराब हालात-

 

इन जिलों में सबसे खराब हालात-

-कन्नौज के महादेवी गंगा घाट के पास करीब 350 से ज्यादा शव दफन हैं। प्रशासन इन पर मिट्‌टी डलवा रहा है, ताकि कोई देख न सके। यहां घाट पर काम करने वाले कर्मचारी राजनारायण पांडेय बताते हैं कि जो लाशें गंगा किनारे दफन की जाती हैं वो जलस्तर बढ़ते ही ऊपर आ जाती हैं। यही लाशें बहकर दूसरे जिलों में भी जाती हैं। गंगा किनारे बसे जिलों में यही हालत है।

-उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में शुमार कानपुर के शेरेश्चवर घाट के पास आधे घंटे की दूरी में इतनी लाशों को दफन किया गया है।कि हालात बेहद डरावने है। जिधर नजर गई, वहां जमीन में दफन लाश ही दिखी। कुछ को कुत्ते नोंचते दिखे तो कुछ लाशों पर चील और कौवे बैठे नजर आए। सूचना मिलते ही पुलिस की टीम भी पहुंच गई। पुलिस ने एक-एक लाश पर मिट्‌टी डलवाने का काम शुरू कर दिया।

-कोरोनाकाल में देश का सबसे बड़ा श्मशान उन्नाव में ही बना है। यहां के शुक्लागंज घाट और बक्सर घाट के पास करीब 900 से ज्यादा लाशें दफन हैं। यहाँ कदम-कदम पर मानव अंग बिखरे नजर आए। कुत्ते किसी लाश का हाथ नोंच रहे थे, तो किसी का पैर।

-उन्नाव से सटे फतेहपुर में भी गंगा किनारे करीब 20 शव दफन मिले। गुरुवार को फतेहपुर और उन्नाव प्रशासन इन लाशों को एक-दूसरे के इलाके के बताते रहे। करीब 8 घंटे की मशक्कत के बाद तय हुआ अब दोनों जिलों के लोग अपने-अपने क्षेत्र में शवों का अंतिम संस्कार करेंगे। पहले से जो दफन शव मिले उन पर प्रशासन ने मिट्‌टी डलवा दी।

-संगमनगरी प्रयागराज से अब तक 13 शवों को गंगा और यमुना नदी से निकाला गया है। इनमें से तीन लाशें सुसाइड करने वालों की थी, जिनकी पहचान हो गई है, जबकि अन्य 10 लाशें कहां से आई और किनकी थीं, ये पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने सभी 10 लाशों का अंतिम संस्कार करा दिया है।

-चंदौली के बड़ौरा गांव में गंगा घाट पर दो दिन के अंदर 12 से ज्यादा लाशें नजर आईं। पुलिस ने इन सभी लाशों को दफन करवा दिया। इसके पहले भी करीब 2 से 3 लाशें देखी जा चुकी हैं। भदोही के रामपुर गंगा घाट पर पिछले दो दिनों के अंदर 8 शव गंगा किनारे मिले। इन सभी की हालत बेहद खराब थी। शव पूरी तरह से सड़ चुके थे।

-मिर्जापुर के फतहा घाट पर सोमवार को एक शव गंगा किनारे मिला। वाराणसी के सूजाबाद इलाके में गंगा किनारे एक साथ 7 शव मिले। इसके पहले भी हर रोज एक-दो लाशें मिलती रहती थीं। पुलिस ने सभी शवों को जेसीबी से वहीं घाट किनारे रेत में दफन करवा दिया।

-पूर्वांचल के इस बड़े जिले में गंगा में शवों का मिलना लगातार जारी है। दो दिन पहले ही यहां 110 से ज्यादा लाशों के होने का खुलासा हुआ था। 52 लाशों का वीडियो भी दिखाया था। पुलिस ने सभी लाशों को निकलवाकर दफन करवा दिया। लेकिन अब भी शवों का मिलना लगातार जारी है। हर रोज करीब 10 से 12 लाशें मिल रहीं हैं। उधर, बिहार के बक्सर में भी दो दिन पहले 100 से ज्यादा लाशें मिलीं थी। तब से बक्सर पुलिस ने गंगा में जाल लगवा दिया गया है। इस जाल में अभी तक 15 से ज्यादा फंसी लाशों को बाहर निकलवाया गया है।

-गाजीपुर से सटे बलिया में भी अब तक 15 लाशें गंगा में मिल चुकी हैं। इन लाशों को प्रशासन ने घाट किनारे ही गड्‌डे खुदवाकर दफन करवा दिया। अब घाट किनारे पुलिसबल तैनात कर दिया गया है। प्रशासन ने आदेश दिया है कि कोई भी घाट किनारे लाशों को दफन नहीं कर सकेगा और न ही नदी में शवों को बहाने की परमिशन है।

-कन्नौज से लेकर पूर्वांचल के जिलों से जहां डराने वाली तस्वीरें और आंकड़े सामने आए हैं, वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों में हालात अभी काबू में है। यहां बिजनौर, मेरठ, मुज्जफरनगर, बुलंदशहर, हापुड़, अलीगढ़, कासगंज, संभल, अमरोहा, बदांयू, शाहजहांपुर, हरदोई, फर्रुखाबाद जैसे गंगा किनारे बसे जिलों में अभी सामान्य स्थिति बनी हुई है। यहां गंगा घाटों से अब तक एक या दो लाशों के मिलने की खबर है।

 

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