शहीद स्मारक में “सशक्त भू-कानून व मूल निवास ज्यादा जरूरी हैं ना कि UCC” विषय पर चर्चा में भारी संख्यां मेँ महिलाओं ने भागीदारी की
आज दिनांक 09-फरवरी को उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच के द्वारा पूर्व घोषणा कें तहत सुबह 11-बजे शहीद स्मारक में सशक्त भू-कानून व मूल निवास ज्यादा जरूरी हैं ना कि UCC विषय पर भारी संख्यां मेँ महिलाओं ने भागीदारी की औऱ अपना आक्रोश व्यक्त किया।
सभी मातृशक्ति इस बात को लेकर सख्त नाराज दिखाई दी कि महिलाएं लगातार छोटी सरकार हो या बड़ी सरकार उसमें वोट डालकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही हैं लेकिन हम पिछले 06-वर्षों से 2018 कें भू कानून को समाप्त करने की मांग कर रही हैं साथ ही सशक्त भू कानून एवं मूल निवास की मांग को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन एवं वार्ताएं कर चुकी हैं लेकिन सरकार कान औऱ आंख सब बन्द कर दिये औऱ हर भाषण मेँ सख्त भू कानून की लागू करने का आश्वासन देते आ रहें हैं लेकिन प्राथमिकता UCC रही।
देवभूमि की महिलाएं अब आक्रोश मेँ हैं कि आखिर कि *लिविंग इन रिलेशनशिप देवभूमि की संस्कृति कें खिलाफ हैं।
राज्य आंदोलनकारी मंच की वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी सुलोचना भट्ट व विजय लक्ष्मी गुसांई कें साथ ही महिला मंच की निर्मला बिष्ट ने सीधे तौर पर सरकार द्वारा थोपा गया UCC कानून को महिलाओं का अपमान बताया। हमारे लोगो ने एक अच्छे प्रदेश की कल्पना की थी कि हमारी अपनी बोली भाषा संस्कृति औऱ सशक्त भू कानून औऱ जल जंगल जमीन को संवारेंगे भी औऱ राजस्व भी कमाएंगे लेकिन सरकार व शासन ठीक उसके उलट कार्य कर रही हैं। युद्धवीर सिंह चौहान एवं अधिवक्ता अभिनव थापर राज्य आंदोलनकारी व दून डॉयलोग के संयोजक अभिनव थापर ने कहा उत्तराखंड का UCC असंवैधानिक है । ” भारत के संविधान के भाग 4 – Directive Principle of State Policy (DPSP) के अनुच्छेद 44: समान नागरिक संहिता (UCC) भारतीय संविधान का अनुच्छेद 44 में कहा गया है कि राज्य (भारत सरकार) अपने नागरिकों के लिए भारत के पूरे क्षेत्र में एक समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) प्रदान करने का प्रयास करेगा। ”
अभिनव थापर ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की इस समय UCC से पहले सख्त मूल निवास और भू-कानून की व्यवस्था आम जनभागीदारी से तुरंत लागू करना चाहिए । UCC में सबको साथ लेकर, लोकसभा व राज्यसभा में व्यापक चर्चा के बाद अतः राज्य सरकार द्वारा यह ” यूसीसी बिल- अमान्य और असंवैधानिक है “। यूसीसी को केंद्र सरकार द्वारा लाना चाहिए जो कि भारत के सभी नागरिकों के लिए एक जनादेश होगा।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व केशव उनियाल ने कहा कि UCC के ड्राफ्ट में कहा गया कि 2 लाख लोगों से सुझावों के बाद UCC लागू किया गया किन्तु वो लोग कौन है , किस प्रदेश के हैं, ? इसका कहीं उल्लेख नहीं है। UCC का 01 साल वाला ” स्थायी निवासी ” का प्रावधान उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों पर कुठाराघात है। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच विधानसभा सत्र से पूर्व सरकार को जगाने व ध्यानाकर्षण हेतु आगामी 16-फरवरी को UCC के 02-बिंदुओं के विरोध में देहरादून गांधी रोड़ स्थित दीनदयाल पार्क मेँ विशाल धरना दिया जायेगा।
प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती ने कहा कि एक तरफ हमारी सरकार लव जिहाद कें खिलाफ बोलती हैं तो वहीं दूसरी ओर यें लिविंग जेसे कानून लाकर देवभूमि मेँ हास्य का पात्र बन रही आखिर अब नौनिहालों को हम स्थाई राजधानी कहा हैं ओर मूल निवास कहां हैं का जवाब तो नहीं दें पा रहें हैं उल्टा अब वह बच्चें रह रह रह कर लिविंग रिलेशन शिप कें बारे मेँ पूछ रहें हैं। प्रदेश मेँ महिला को ही महिला कें खिलाप सफाई देंनी उसका उदाहरण कुलपति सुरेखा जी हैं।
बैठक की अध्यक्षता *पुष्पलता सिलमाणा* व संचालन *पूरण सिंह लिंगवाल* ने किया।
सलाहकार केशव उनियाल , जगमोहन सिंह नेगी , युद्धवीर सिंह चौहान , देवेन्द्र नौडियाल (मोनू), रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , अधिवक्ता अभिनव थापर, अधिवक्ता दीपक रावत,
प्रेम सिंह रावत , विजय बलूनी , प्रदीप कुकरेती , प्रेम सिंह नेगी , जबर सिंह पावेल , सुरेश नेगी , बलबीर सिंह , प्रांजल नौडियाल , अभिषेक पन्त , नेगी , धर्मानन्द भट्ट , संतन सिंह रावत , अनूप बिष्ट , शिव सिंह रावत , सुशील विरमानी , नरेश नेगी , मनोज नौटियाल , संजय तिवारी , रघुवीर तोमर , हरि सिंह मेहर , विरेन्द्र सिंह रावत , सुशील चमोली , विनोद असवाल , प्रभात डण्डरियाल , विजय बलूनी , सुरेन्द्र रावत , राजा राम बुडाकोटी , नारायण सिंह नेगी , सुशील बुड़ाकोटी , क्रांति अभिषेक , संजय बलूनी , निर्मला बिष्ट , सुलोचना भट्ट , राधा तिवारी , पुष्पलता सिलमाणा , तारा पाण्डे , पुष्पा रावत , नरेन्द्र नौटियाल , नारायण सिंह नेगी , प्रताप सिंह रावत , उपेन्द्र सेमवाल , मोहन सिंह रावत , , अमित सिंह परमार , धर्मेन्द्र राणा , अरुणा थपलियाल , रामेश्वरी रावत , लक्ष्मी बिष्ट , अनीता रावत , मीरा गुसांई , सुनीता खंडूड़ी , कल्पना सेमवाल , सुबोधिनि भट्ट , संगीता रावत , जयन्ती बलूनी , रामेश्वरी नेगी , सरोज कण्डवाल , शान्ति कैतुरा , सुभागा फर्स्वाण , अनीता रावत , गीता नेगी , सुनीता बहुगुणा , एकादशी देवी , पुष्पा बहुगुणा , यशोदा रावत , यशोदा ममगांई , सरोजनी नौटियाल आदि।