देहरादून

राज्य कर विभाग द्वारा काफी समय से Nil रिटर्न दाखिल कर रहे ऐसे करदाताओं का 07 जुलाई 2022 से विशेष जाँच अभियान चलेगा

देहरादून / हरिद्वार ;- मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन, द्वारा दिये गये निर्देशों के क्रम में राज्य कर विभाग द्वारा ऐसे करदाताओं के सम्बन्ध में 07 जुलाई 2022 से विशेष जाँच अभियान चलाया जा रहा है, जिनके द्वारा काफी समय से Nil रिटर्न दाखिल की जा रही थी अथवा कोई कर जमा नही किया जा रहा था। उक्त अभियान के तहत आतिथि तक 7918 व्यापारियों के Spot Verification / Inspection किये गये हैं।

आयुक्त, राज्य कर, उत्तराखण्ड द्वारा विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान की समीक्षा की गयी तथा उक्त अभियान को आगे भी जारी रखने एवं गति लाने के सख्त निर्देश दिये गये।

न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार ने जी०एस०टी० चोरी प्रकरण में आरोपी सुरेन्द्र सिंह, निवासी-हरिद्वार के जगानती प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के करते हुए जगानती प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। सत्र न्यायाधीश अपर जिला जज (चतुर्थ), हरिद्वार ने प्रकरण पर लम्बी सुनवाई के बाद अपराध को गम्भीर प्रकृति का मानते हुए अभियुक्त सुरेन्द्र सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी। सुनवाई के दौरान विभाग के अधिवक्ता द्वारा जमानती प्रार्थना-पत्र का घोर विरोध करते हुए तर्क दिया गया कि आरोपित के अपराध से राज्य एवं केन्द्र सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है। दिनांक 01 अप्रैल, 2022 को राज्य कर विभाग की केन्द्रीयकृत आसूचना इकाई (सी0आई0यू0 ) द्वारा हरिद्वार की 6 फर्मों पर कर चोरी के प्रकरण मे रेड की गयी थी एवं प्रकरण मे ठोस सबूतों के आधार पर दिनांक 05 अप्रैल, 2022 को अभियुक्त श्री सुरेन्द्र सिंह को हरिद्वार से गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था। इस मामले में विभाग को और से समय-सीमा मे जांच पूरी करते हुए चार्जशीट सी० जे०एम० न्यायालय में पहले ही दाखिल की जा चुकी है, जिस पर सुनवाई चल रही है। अभियुक्त पर फर्जी बिलों से आई०टी०सी० का लाभ लेने का आरोप है। आयुक्त, राज्य कर, उत्तराखण्ड, डा० अहमद इकबाल के द्वारा बताया गया कि भविष्य में भी कर चोरी के विरूद्ध ऐसी कार्यवाहियां होती रहेंगी। राज्य कर विभाग की केन्द्रीयकृत आसूचना इकाई (सी0आई0यू0) द्वारा कर चोरी के मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

दिनांक 04.08.2022 को हरिद्वार में विभाग द्वारा आढ़त बाजार में सर्वेक्षण की कार्यवाही की गयी तथा सर्वेक्षण के दौरान कार्यवाही के साथ व्यापारियों / आढ़तियों की शंकाओं का निराकरण किया गया।

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