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पहाड़ से लुढ़के पत्थरों से घायल महिला गिरी खाई में , स्थिति नाजुक

चंपावत : लोहाघाट के दिगालीचौड़ क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले फांफर गांव में जंगल में घास काटने गई एक महिला के ऊपर पत्थर गिरने से वह खाई में गिर गई। जिससे महिला को गंभीर चोट आई है और उसकी बाईं तरफ के हिस्से की आंतें बाहर आ गई। महिला की हालत बेहद नाजुक है। जिला अस्पताल में महिला का उपचार चल रहा है।

जानकारी के मुताबिक दिगालीचौड़ के फांफर गांव निवासी 58 वर्षीय महिला जानकी देवी गुरुवार सुबह आठ बजे जंगल में पशुओं के लिए घास काटने गई हुई थी। घास काटने के दौरान अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरा और वह महिला के ऊपर जा गिरा। पत्थर महिला को अपने साथ खाई की ओर धकेल ले गया। घटना में महिला को गंभीर चोटें आईं हैं। गहरी चोट के कारण महिला की बाईं ओर कमर व पेट के बीच के आंतरिक अंग आंतें आदि बाहर आ गए। ग्रामीणों द्वारा महिला को डेढ़ किमी खड़ी चढ़ाई के जरिए डोली में लाने के बाद वाहन के जरिए एहतियातन लोहाघाट अस्पताल लाया गया। जहां पट्टी वगैरह करने के बाद डाक्टरों ने घायल महिला को चम्पावत ले जाने को कहा। दोपहर करीब 12 बजे के आसपास ग्रामीण महिला को चम्पावत जिला अस्पताल में ले आए। जहां सर्जन डॉ.प्रमोद पांडेय ने प्राथमिक उपचार के बाद ब्लड लेकर रिपोर्ट के लिए प्राइवेट लैब में भेज दिया। देर सायं रिपोर्ट आने के बाद महिला का ऑपरेशन किया जा रहा है।

ग्रामीणों ने अस्पताल पर लगाया उपचार में देरी का आरोप, आक्रोशित जिपं उपाध्यक्ष पहुंचे जिला अस्पताल

चम्पावत : घायल महिला के साथ फांफर से आए ग्रामीणों ने जिला अस्पताल प्रबंधन पर उपचार में देरी का आरोप लगाया है। घायल महिला के पुत्र लक्ष्मण सिंह चौहान का कहना था कि वह दोपहर में ही अपनी माताजी को अस्पताल में ले आए थे, लेकिन शाम 6 बजे तक चिकित्सकों ने केवल पट्टी बांधकर आंतों को रोक रखा था और आपातकालीन वार्ड के बजाए सामान्य वार्ड में भर्ती किया था। जिला पंचायत उपाध्यक्ष ललित मोहन कुंवर ने बताया कि 1 बजे उन्होंने अस्पताल में फोन किया, जिसके बाद उन्होंने पट्टी व प्राथमिक उपचार आदि किया। उसके बाद भी बेहतर उपचार न मिलने पर आक्रोशित जिला पंचायत सदस्य कुंवर ग्रामीणों के साथ जिला अस्पताल आ धमके। उन्होंने मौके से अस्पताल के पीएमएस डॉ.आरके जोशी को फोन कर 4-5 घंटे बीत जाने के बाद भी समुचित उपचार न मिलने पर रोष जताया और आक्रोश व्यक्त किया। जिसके बाद अस्पताल पहुंचे पीएमएस डॉ.जोशी से आक्रोशित ग्रामीणों ने नाराजगी जताई। ग्रामीणों ने कहा कि वह 11-12 बजे के आसपास महिला को अस्पताल ले आए थे, बावजूद इसके महिला की आंतों में केवल पट्टी कर उसे रोकने का प्रयास किया गया था। चार-पांच घंटे बीत जाने के बाद भी समुचित उपचार नहीं किया गया था, जिससे ग्रामीणों में गुस्सा देखने को मिला। इस दौरान फांफर के ग्राम प्रधान नीरज सिंह, डुंगरी के ग्राम प्रधान आशुतोष वर्मा, पूर्व प्रधान महेश जोशी, त्रिलोक सिंह, पुष्कर सिंह आदि ग्रामीण मौजूद रहे।

कोविड के कारण अस्पताल में नहीं हो पा रहा ब्लड टेस्ट, रिपोर्ट प्राइवेट लैब में भेजने के कारण हुई देरी : पीएमएस

चम्पावत : इस बारे में जिला अस्पताल के पीएमएस डॉ. आरके जोशी से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि जिला अस्पताल के ऊपरी हिस्से को कोविड सेंटर बनाया गया है। जिस कारण अस्पताल में ब्लड टेस्ट आदि नहीं हो पा रहे हैं। उससे संबंधित सभी कर्मियों व उपकरण कोरोना मरीजों के टेस्ट में लगे हुए हैं। जिस कारण अस्पताल में आने वाले मरीजों के ब्लड टेस्ट के लिए अस्पताल से बाहर प्राइवेट लैब में ब्लड भेजा जा रहा है। प्राइवेट लैब से रिपोर्ट देर में आई, जिस कारण महिला के आपरेशन में थोड़ी देरी हुई है। हालांकि महिला की स्थिति ज्यादा गंभीर नहीं है और महिला का आपरेशन किया जा रहा है।

खून की जरूरत को देखते हुए डोनेट किया ब्लड

चम्पावत : घायल महिला को आपरेशन के दौरान खून की आवश्यकता होने पर ब्लड डोनेट किया गया। महिला का रक्त समूह एबी पॉजीटिव था, जो कि काफी कम लोगों का होता है। रक्तदान व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़े व्यापारी विक्की चौधरी ने तत्काल दो-तीन लोगों को रक्तदान के लिए भेजा। जिपं कर्मी तुलसी भट्ट, व्यापारी कमलदीप तिवारी, खर्ककार्की के रहने वाले अमित कुमार ने रक्तदान किया। आपको बता दें कि स्थानीय स्तर पर व्हाट्सएप में रक्तदाताओं का एक ग्रुप बनाया गया है। जिसके जरिए खून की आवश्यकता होने पर सूचनाओं के आदान-प्रदान से तात्कालिक स्थिति में रक्तदाताओं को रक्तदान के लिए भेजा जाता है। व्यापारी विक्की चौधरी और नवल जोशी का प्रयास कई लोगों को जीवनदान देने वाला साबित हो रहा है।

सौजन्य से

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