नैनीताल

नैनीताल में शादी से पहले ड्रोन से प्री-वेंडिंग वीडियो शूट करना पड़ गया भारी।

 

नैनीताल, 9 नवम्बर 2020। विवाह से पूर्व नव युगल का लाखों रुपए खर्च करके भी ‘प्री-वीडियो शूट’ किये जाने का नया चलन चल पड़ा है। इसके लिए दृश्यों को अधिक आकर्षक बनाने के लिए ड्रोन बिना नियमों की जानकारी के उड़ाए जाते हैं। लेकिन रविवार को ऐसे ही नैनी झील के ऊपर ड्रोन उड़ा कर प्री-वेडिंग शूट करना संबंधितों को महंगा पड़ गया। हुआ यह कि रविवार को नैनी झील के बीच ड्रोन संचालक एक युवक व युवती को बिना लाइफ जैकेट पहनाए डगमगाती नौका पर खड़े होकर ड्रोन उड़ाकर वीडियो बनाने लगा। पुलिस व स्थानीय लोगों के मना करने पर भी वह नहीं माने और शूटिंग की।
इस पर पुलिस ने वीडियो शूट के लिए नैनी झील के ऊपर ड्रोन उड़ा रहे संचालक राहुल मंगला पुत्र आरके मंगला निवासी हाउस नंबर 591, सेक्टर 16 फरीदाबाद का पांच हजार रुपए का चालान कर दिया है। चालान की कार्रवाई 83 पुलिस एक्ट के तहत आरक्षित घोषित क्षेत्र में बिना अनुमति के प्रवेश के आरोप में धारा 51(1) व 63 के तहत की गई है। साथ ही लाइफ जैकेट न पहनने पर भी संबंधितों का नसीहत दी।
नगर कोतवाल अशोक कुमार सिंह ने बताया कि ड्रोन उड़ाने के प्राविधान लिए क्षेत्रों को रेड, येलो व ग्रीन जोन में बांटा गया है। येलो व रेड क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने के लिए संबंधित पुलिस क्षेत्र से अनुमति लेने का प्राविधान है। नैनी झील भी प्रतिबंधित क्षेत्र के अंतर्गत है। इसलिए कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि केवल ग्रीन जोन में 200 ग्राम तक के भार के ड्रोन संबंधित थाने को सूचना देकर उड़ाए जा सकते हैं।

यह हैं ड्रोन के इस्तेमाल के नियम
ड्रोन के इस्तेमाल के संबंध में अभिसूचना एवं सुरक्षा मुख्यालय उत्तराखंड द्वारा सितंबर 2019 में जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार ड्रोन को खरीदने से पहले केंद्र सरकार की निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना अनिवार्य है। वहीं ड्रोन के संचालन से पहले नियमानुसार डीजीसीए से यूनिक आईडेंटिफिकेशन नंबर (यूआईएन) और स्वचालित एयरक्राफ्ट ऑपरेटर परमिट (यूएओपी) लेना अनिवार्य है। इसके अलावा ड्रोन ऑपरेटर करने वाला पायलट केंद्र के अधिकृत संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त होना चाहिए। ड्रोन उड़ाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा चिन्हित रेड जोन में ड्रोन को नहीं उड़ाया जा सकता है। इन चिन्हित स्थानों के अलावा डीजीसीए की गाइडलाइन के अनुसार एयरपोर्ट, सचिवालय सहित अन्य सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण स्थानों के आसपास ड्रोन को नहीं उड़ाया जा सकता है। वहीं ड्रोन की प्रत्येक उड़ान से पहले डिजिटल स्काई प्लेटफार्म के माध्यम से अनुमति लेना आवश्यक है। डीजीसीए से ड्रोन उड़ाने की अनुमति लेने के बाद संबंधित पुलिस थाने को 24 घंटे पहले सूचना देना जरूरी है। सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) का गहनता से अध्ययन कर निर्देशों का पालन न करने पर कार्रवाई का प्रावधान है। प्रतिबंधित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने पर आईपीसी की विभिन्न धारों व एएआई एक्ट मुकदमा दर्ज किया जाएगा।

साभार नवीन समाचार 

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