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देश में ‘बर्ड फ्लू’ का खतरा, कई राज्यों में अलर्ट; जानिये क्या हैं इसके लक्षण और बचाव

नई दिल्ली-:दुनिया भर में कोविड19 महामारी के बीच देश में बर्ड फ्लू के खतरे ने दस्तक दे दी है। दरअसल, देश के कई राज्यों में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है। राजस्थान, मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश और केरल में भी इसका कहर जारी है। इन राज्यों में अब तक सैकड़ों पक्षियों की मौत हो चुकी है।

कोरोना वायरस महामारी के बीच राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, केरल और गुजरात में बर्ड फ्लू अब बड़ा खतरा बनता जा रहा है। इन राज्यों में अब तक सैकड़ों पक्षियों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से यहां की राज्य सरकारों ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। एवियन इंफ्लूएंजा वायरस के बढ़ते प्रकोप देखते हुए केरल सरकार ने इसे आपदा घोषित कर दिया है।

वहीं, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, झारखंड, बिहार, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर अलर्ट पर हैं।

केरल में अब तक 1700 बतखों की मौत हो चुकी है। राजस्थान के झालावाड़, कोटा समेत 16 जिलों में अब तक 625 पक्षी जान गंवा चुके हैं। मध्य प्रदेश के मंदसौर में करीब 100, इंदौर में 142, मालवा में 112 और खरगोन जिले में 13 कौवों की मौत हो गई। वहीं, हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पौंग झील अभयारण्य में अब तक 2739 प्रवासी और स्थानीय पक्षियों की मौत के बाद स्थानीय प्रशासन ने मुर्गिंयों, बतखों और अंडों की बिक्री पर रोक लगा दी है। केरल के अलपुझा और कोट्टायम जिलों में बडे़ पैमाने पर मंगलवार को संक्रमित पक्षियों को मारने का अभियान शुरू हो गया है। यहां पर करीब 50 हजार पक्षियों को मारा जाएगा। वहीं, हरियाणा के पंचकूला जिले में 15 दिनों में दो लाख मुर्गियों की मौत हो चुकी है।

केरल में मारे जाएंगे 40 हजार पक्षी

केरल में भी बर्ड फ्लू की स्थिति बेकाबू हो गई है. केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों में यह बीमारी तेजी से फैली है. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा. कोट्टायम जिला प्रशासन के अनुसार नींदूर में एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू पाया गया है और वहां करीब 1,500 बत्तखों की मौत हो चुकी है.

केरल: कुछ जिलों में हाई अलर्ट

केरल के कुछ अलाकों में बर्ड फ्लू को लेकर हाई अलर्ट जारी है. राज्य में वन्य जीव, पशुपालन विभाग के कर्मचारियों को अलर्ट रहने को कहा गया है. बता दें कि केरल में वर्ष 2016 में बड़े पैमाने पर बर्ड फ्लू फैला था.

गुजरात: जूनागढ़ में 53 पक्षी मृत मिले

गुजरात में भी बर्ड फ्लू की आशंका जताई जा रही है। यहां के जूनागढ़ जिले में खारो जलाशय में करीब 53 पक्षी मृत पाए गए हैं। हालांकि, वन विभाग के अधिकारियों ने आशंका जताई है कि जहरीले खाने की वजह से पक्षियों की मौत हुई है।

वहीं, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और कर्नाटक में भी सतर्कता बरती जा रही है। केरल के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री के राजू ने सोमवार को दो स्थानों पर बर्ड फ्लू की पुष्टि की थी।

यहां तक कि मंगलवार को राजस्थान में 10 पक्षी मृत पाए गए। लेकिन मौत के कारणों का अभी स्पष्ट पता नहीं चल पाया है। साथ ही राजस्थान के झालावाड़ में तीन जनवरी से अब तक 138 पक्षियों की मौत हुई है।

मध्यप्रदेश में बर्ड फ्लू की पुष्टि, अलर्ट जारी

मध्य प्रदेश में मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में बर्ड फ्लू का अलर्ट जारी किया है। ताजा जानकारी के मुताबिक, मंदसौर में मृत मिले कौवों के नूमनों से बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है।

पशुपालन विभाग मंदसौर के डॉ. मनीष इंगोले ने कहा, स्टेट लैब में भेजे गए मृत कौवे के चार नमूनों में बर्ड फ्लू पाया गया है। यहां 23 दिसंबर और तीन जनवरी के बीच लगभग 100 कौवों की मौत हो गई थी।

पोंग बांध झील अभयारण्य में 1800 पक्षियों की मौत

हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध झील अभयारण्य में अब तक करीब 1800 प्रवासी पक्षी मरे हुए पाए गए हैं. राजस्थान में भी कई जिलों में पक्षियों की मौत हुई है. यहां अलग अलग हिस्सों में कुल 500 से ज्यादा पक्षियों की मौत हुई है. इसके बाद से राजस्थान में भी बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट की स्थिति है. झालावाड़ के पक्षियों के नमूनों को जांच के लिये भोपाल के राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान भेजा गया था, जिसमें बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.

क्या हैं बर्ड फ्लू के लक्षण

बर्ड फ्लू भी सामान्य फ्लू की ही तरह होता है और यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है. यह वायरस पक्षियों के अलावा इंसानों को भी शिकार बना सकता है. बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, मोर और बत्तख जैसे पक्षियों में तेजी से फैलता है. पहले बर्ड फ्लू का मुख्य कारण पक्षियों को ही माना जाता है. लेकिन कई बार यह इंसान से इंसान को भी हो जाता है. एवियन इन्फ्लूएंजा के शिकार इंसान पर मौत का खतरा भी होता है.

बर्ड फ्लू के लक्षण: सांस लेने में दिक्कत, हमेशा कफ बने रहना, सिर में दर्द, नाक बहना, गले में सूजन, मशल्स में दर्द, उल्टी जैसा महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना आदि.

इंसानों में कैसे फैलता है: इंसान में यह बीमारी मुर्गियों या संक्रमित पक्षी के बेहद निकट रहने से फैलती है. इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए प्रवेश करता है. इस वजह से इसका बचाव यही है कि संक्रमित पक्षियों खासकर मरे पक्षियों से दूर रहें. संक्रमण वाले एरिया में कोशिश करें कि ना जाएं. मांग और अंडे खाने से बचें.

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