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Facebook on line bazar पर कारोबारी ने गवाए 1.08 लाख रुपये

हिमांचल (शिमला) आजकल ऑन लाइन ठगी का खेल पूरे देश भर में चरम पर है। जबकि अखबारों,सोशियल मीडिया के माध्यम से खबर  देखने व सुनने को मिलती रहती है। लेकिन सस्ते के  चक्कर मे लोग अपनी मेहनत की पूंजी गवाँ बैठते है। ऑन लाइन खरीदारी में चौकन्ना रहना बहुत जरूरी है। लोग ये नही समझ पाते कि सामने वाला ठग रहा है। कभी बैंक एकाउंट अपडेट के नाम पर ओटीपी पूछकर खाता साफ कर दिया जाता है। लेकिन गलती हमारी है। क्यो न बैंक में जाकर पूछताछ कर जानकारी हासिल की जाती।नही हम लोग ही इसके कसूर वार है। ओर ऐसे ही ठगते रहेंगे।

इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते पहले से ज्यादा हो गई है। ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो या फिर किसी के खाते में पैसे भेजने हो इन सबके के लिए हम इंटरनेट बैंकिंग या फिर ऑनलाइन पेमेंट एप्स का सहारा लेते हैं। इंटरनेट पर साइबर ठगों का जाल है जिसके चंगुल में फंसकर अक्सर लोग फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं

ऐसा ही एक मामला राजधानी शिमला में आया, जहां शातिरों ने सैनिक बनकर एक कारोबारी को कार बेचने के झांसे में लेकर एकबलाख आठ हज़ार रुपये की ठगी कर की। कारोबारी को ठगे जाने का पता तब चला, जब शातिर और पैसे की मांग करने लगे। पीड़ित की शिकायत पर शिमला के सदर थाने में ठगी का मामला पंजीकृत किया गया है। कारोबारी कमलेश कुमार निवासी हमीरपुर की शिमला के माल रोड पर कम्प्यूटर की दुकान है।

कमलेश कुमार ने शिकायत दर्ज करवाई है कि 30 जुलाई को उसके दोस्त नरेश ने उसे वाट्सअप किया कि इसने फेसबुक पर आल्टो-800 कार HP 06A-5104 की एड देखी है और ये कार 65,000 रूपये में बिक रही है तथा कार बेचने वाले का मोबाइल नम्बर 98646-27433 है। जिस पर शिकायतकर्ता ने उक्त मोबाइल नम्बर पर बात की तो उस व्यक्ति ने खुद को आर्मी हैड कान्सटेबल जय पाल बताते हुए कहा कि कार भून्तर एयर पोर्ट पर खडी है और यदि आपको कार खरीदनी है तो खाता धारक कैलाश के बैंक खाते में 65 हज़ार रूपये डाल दो।

इस पर कारोबारी ने इंडियन ओवरसीस बैंक की माल रोड शाखा से चैक द्वारा खाते में 65 हज़ार रूपये डाल दिये। इसके बाद आरोपियों ने कार की इंश्योरेंस करवाने के लिए पैसों की मांग की तथा पीड़ित ने 21,500, 21000 और 500 रूपये गूगल पे द्वारा आरोपियों द्वारा दिये गये दूसरे बैंक खाते में जमा करवाए। जब आरोपी इसके बाद पैनेल्टी के तौर पर 31,500 रूपये की मांग करने लगे, तो कारोबारी को शक हुआ कि इसके साथ धोखाधडी हो रही है।

कारोबारी ने सदर थाना पुलिस में मामले की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पीड़ित के मुताबिक कार खरीदने के लिए वह आरोपियों के बैंक खातों में कुल एक लाख आठ हज़ार रुपये जमा करवा चुका है।

एसपी शिमला ओमा पति जंबाल ने सोमवार को बताया कि शिकायत के आधार पर आईपीसी की धाराओं 420 व 120 बी के तहत केस दर्ज कर जांच की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि दो दिन पूर्व शिमला के रामपुर उपमंडल के झाकड़ी थाना क्षेत्र का एक व्यक्ति भी इसी तरह ठगी का शिकार हुआ था। पीड़ित ने ओलेक्स पर कार का विज्ञापन देखा और इसे खरीदने के चक्कर में ठग के बैंक खाते में 99 हज़ार 500 रुपये जमा कर दिया।

ठगों को बखूबी पता होता है कि वे क्या कर रहे हैं. वे खूब जानते हैं कि हम बगैर सोचे-समझे कैसे फैसले कर लेते हैं. इसी का फायदा वे उठाते हैं. उदाहरण के लिए जालसाजों को पता होता है कि डर पैदा करने के लिए ‘अथॉरिटी’ से मेल भेजना चाहिए. इसके लिए वे पुलिस, सरकार, टैक्स अधिकारी का मुखौटा लगा लेते हैं.

दहशत पैदा करने के लिए चेतावनी दी जाती है कि आपका बैंक खाता बंद किया जा रहा है. या फिर डेबिट कार्ड ब्लॉक किया जा रहा है. इससे तुरंत आपका ध्यान चला जाता है. अथॉरिटी का नाम, पद और हस्ताक्षर इस्तेमाल करके आपको र्इमेल खोलने के लिए फंसाया जाता है. यहीं से आपके फंसने की शुरुआत हो जाती है.

फर्जी कॉल करके आपको कम खर्च पर मोटा मुनाफा बनाने का लालच दिया जाता है. जब आपको फोन कॉल पर बताया जाता है कि आपने पुरस्कार जीता है या आपको इसके लिए चुना गया है तो जाने लें कि आपके लिए जाल बिछाया जा रहा है.

आप भी खुश होकर कॉलर से जुड़े रहते हैं. इससे ठगों को आपको बार-बार कॉल करने का मौका मिलता है. फिर आपको उससे न कहने में हिचक महसूस होने लगती है. आप दो-टूक नहीं कह पाते हैं कि आप आगे बात नहीं करना चाहते हैं. इस तरह से जाल मजबूत होता जाता है.

एक चाल का बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसमें जालसाज अर्जेंसी पैदा करते हैं. आपको तुरंत कोर्इ काम करने के लिए राजी किया जाता है. उदाहरण के लिए आपको एक कॉल आती है. इसमें वेकेशन मनाने के लिए आकर्षक डील की पेशकश की जाती है. शर्त रखी जाती है कि यह डील कुछ समय में ही खत्म हो जाएगी. सो, तेजी से फायदा उठा लें. नहीं तो मौका गंवा देंगे. डेटिंग साइट पर ठगी के किस्से भी कम नहीं हैं.

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