चमोली

चमोली आपदा अपडेट, रैणी में गलेशियर टूटने से सैकड़ों जान हताहत, स्थानीय लोगों को भी भारी नुक्सान, सीएम ने किया घटना स्थल का निरीक्षण

नीति घाटी में आज सुबह दस बजे के लगभग ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा परियोजना के साथ ही एनटीपीसी कंपनी के बैराज साइट तपोवन में भारी नुक्सान हुआ है।

परियोजना कंपनी के काफी मजदूरों के बहने की सूचना है। सूचना मिलते ही डीएम व एसपी व रेस्क्यू टीम घटनास्थल रैणी – तपोवन पहुंची। खबर मिलते ही प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रैणी गांव पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया। रैणी में गलेशियर आने से मोटर पुल बह जाने के कारण नीति घाटी के 9-10 गांवों का सड़क संपर्क टूट गया है।

सीएम ने रैणी मे आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए कहा कि हमारी कोशिश रहेगी जो लोग फंस गए हैं उन तक जल्द से जल्द मदद पहुंचायी जाएगी। तपोवन टनल में फंसे 16 लोगों को आईटीबीपी द्वारा सुरक्षित निकाल दिया गया है। इस जल प्रलय में सैकड़ों लोगों के बहने की सूचना है। घटना स्थल तपोवन पहुंचे राजेंद्र हटवाल ने बताया कि आपदा में सैकड़ों लोगों के लापता होने की सूचना है। लोग अपने – अपने परिजनों की ढूंढ खोज करने निकले हुए हैं।

उन्होंने बताया कि नेपाली मूल के कई मजदूर बह गए हैं। उनके घर में उनके बच्चे और महिलाएं जिंदा बचे हैं।स्थानीय तपोवन निवासी प्रकाश राणा का कहना है कि इस जल प्रलय में 150 से अधिक लोगों की बहने की संभावना है। जबकि उनका कहना है कि स्थानीय स्तर पर 20 से 25 स्थानीय लोगों की मिसिंग की सूचना बनी है।
चमोली में ग्लेशियर टूटने से भारी जल प्रलय आया है। इससे टूटे ऋषिगंगा बांध के जलाशय ने तबाही मचा दी है। बांध में काम कर रहे लगभग 30 वर्कर लापता हैं। जबकि 1 घण्टे पहले तक 7 शव बरामद किए जा चुके हैं। धौली नदी पर बन रहे एनटीपीसी के पावर प्रोजेक्ट सभी करीब 50 मजदूर लापता हैं, राहत बचाव कार्य जारी है। यह जानकारी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने मीडिया को दी है।

इससे पूर्व भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव कार्यों में मदद के लिए देहरादून और आस-पास के क्षेत्रों में वायुसेना के दो एमआई-17 और एक एएलएच ध्रुव हेलिकॉप्टर सहित तीन हेलिकॉप्टर को तैनात किया गया है। जमीन पर आवश्यकता के अनुसार अधिक विमान तैनात किए जाएंगे। उधर, हालात का जायजा लेने के लिए जोशीमठ रवाना हो गए हैं।

एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान ने कहा, श्ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी प्रभावित हुई है और बाढ़ के कारण बीआरओ द्वारा बनाया जा रहा पुल बह गया है। ऋषिगंगा परियोजना की अपर रीच भी क्षतिग्रस्त हो गई है।

इससे चमोली, जोशीमठ और अन्य बहाव क्षेत्र प्रभावित होंगे। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल एसडीआरएफ की टीमें पहले से ही जोशीमठ में तैनात हैं।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल एनडीआरएफ पहले ही देहरादून से जोशीमठ स्थानांतरित हो चुका है। हम दिल्ली से देहरादून के बाद जोशीमठ तक 3-4 और टीमों को एयरलिफ्ट करने की आयोजन बना रहे हैं।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत , आईटीबीपी और एनडीआरएफ के महानिदेशकों से बात की है।

सभी संबंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गई हैं। देवभूमि को हर संभव मदद दी जाएगी। एनडीआरएफ की कुछ और टीमें दिल्ली से एयरलिफ्ट करके उत्तराखंड भेजी जा रही हैं।


तपोवन में निर्माणधीन बैराज और क्रेशर बहा

जोशीमठ से 20 किलोमीटर आगे रेणी नामक स्थान से लगभग 4 किलोमीटर दूर है पैंग गांव. सूत्रों से खबर आ रही है कि पैंग से ऊपर एक बहुत बड़ा ग्लेशियर फटा है जिस कारण से धोली नदी में बाढ़ आ गई है. बाढ़ की वजह से ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी क्षति हुई है साथ ही कुछ झूला पुल भी इसकी चपेट में आए हैं।

इसके अतिरिक्त एनटीपीसी निर्माणाधीन तपोवन विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना के डैम साइड बराज साइट को भी नुकसान होने की सूचना मिल रही है प्रशासन ने अलकनंदा नदी और धौली नदी के किनारे रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है उन्हें वहां से हटने के लिए कहा जा रहा है.

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