मुख्यमंत्री ने दिया राज्य कर्मचारियों को तोहफा, देखिए वीडियो क्या बोले CM*
देहरादून। राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य कर्मचारियों की समस्याओं के समय पर समाधान को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने सचिवालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कर्मचारी किसी भी विभाग का हो उसकी समस्या का समय पर निदान होना चाहिए । जो भी समस्याएं सही है उन पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई होनी चाहिए । किसी भी कर्मचारी को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होने चाहिए। किसी को कोई शिकायत है तो उस शिकायत का संज्ञान लेकर उसका निस्तारण किया जाना चाहिए।
वहीं पुरानी पेंशन योजना पर राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की सिफारिश की है. राज्य सरकार ने इस संदर्भ में केंद्र सरकार को पत्र भेज दिया है. दरसल राज्य में 1 अक्टूबर 2005 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षक और कर्मचारी OPS पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं पुरानी पेंशन बहाली के लिए कर्मचारियों द्वारा आंदोलन भी चलाया जा रहा है. उत्तराखंड के अलावा देश के अंदर राज्यों की भांति ही उत्तराखंड में भी यह आंदोलन लगातार तेजी पकड़ रहा है.
विधानसभा के पिछले सत्र में कांग्रेस विधायकों ने भी नए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन का लाभ देने का मुद्दा उठाया था हाल में पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन से जुड़े कर्मचारी नेताओं व अन्य संगठनों ने भी सरकार के सामने यह मुद्दा उठाया था. इधर अब राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाने की सिफारिश की है अपर सचिव वित्त अरुणेंद्र चौहान ने इसकी पुष्टि की है. आपको बता दें पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन से जुड़े नेताओ के अनुसार नई पेंशन योजना के विरोध के तीन प्रमुख कारण है. पहला कि पेंशन की किश्त बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगी, दूसरा इसके तहत JPF निकासी में दिक्कत आती है, तीसरा इसमे पेंशन के लिए अंशदान के रूप में कर्मचारियों के वेतन से पैसे काटा जाता है।
कर्मचारियों का यह भी कहना है कि सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को अनुदान केवल 60 फ़ीसदी वापस मिलेगा धनराशि में आयकर भी काटा जाएगा वेतन आयोग की संस्तुतियों में वेतन की तरह पेंशन के संशोधन का भी प्रावधान नहीं है जबकि पुरानी पेंशन योजना में यह समस्या नहीं है उन्होंने सरकार से मांग की कि इस संदर्भ में केंद्र सरकार राज्य सरकार पेंशन स्कीम खुद बदलाव करें