CM धामी ने सपरिवार देखी “द केरला स्टोरी” फ़िल्म, फ़िल्म देखकर इस तरह दी अपनी प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भी अनेक तरीकों से विभिन्न जगहों पर धर्मांतरण हो रहा था। यह राज्य में भविष्य के लिए एक गंभीर विषय बनता जा रहा था। इसी के दृष्टिगत हमने देवभूमि उत्तराखंड में धर्मांतरण पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा धर्मांतरण पर सख्त कानून बनाया गया है। इसमें जबरन या प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने वालों को 10 साल तक कठोर कारावास का प्रावधान किया गया है जिसमें धर्मांतरण कराने के मामलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। एकल धर्मांतरण के लिए सजा कम है, जबकि सामूहिक धर्मांतरण में ज्यादा सजा होगी।
सामूहिक धर्मांतरण का दोष साबित होने पर दोषी को तीन से 10 वर्ष की सजा के साथ 50 हजार रुपये तक जुर्माने का प्रावधान है। जबकि एक व्यक्ति के धर्मांतरण पर दो से सात वर्ष की सजा और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड की संस्कृति एवं विशिष्ट पहचान के साथ उसका मूल स्वरूप बचा रहे और प्रदेश में अनावश्यक किसी भी प्रकार का धर्मांतरण न हो पाए, इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा की गई यह महत्वपूर्ण पहल है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्मांतरण के साथ ही हमारी सरकार द्वारा देवभूमि में सरकारी भूमि पर किये गये अतिक्रमण को चिन्हित कर उसे सख्ती से हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है। राज्य में होने वाले अवैध अतिक्रमण को किसी भी दशा में सहन नहीं किया जायेगा तथा ऐसा कृत्य करने वालों के विरूद्ध नियमानुसार कठोर कार्यवाही की जायेगी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल, गणेश जोशी, मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष श्रीमती आशा नौटियाल, भाजपा नेता अजेय कुमार, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी आदि उपस्थित थे।