सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले में सुर्खियों में आये डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने लिया स्वेच्छिक सेवा निवृति। लड़ सकते है चुनाव।
पटना, 23 सितंबर। फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अपने बयानों को लेकर खूब चर्चित रहे बिहार के पुलिस महानिदेशक DGP गुप्तेश्वर पांडेय ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति VRS ले लिया है।
बिहार सरकार के पुलिस महानिदेशक भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी पांडेय ने इससे पहले वीआरएस का आवेदन दिया था, जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया। बिहार के गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने मंगलवार को इसकी अधिसूचना जारी कर दी।
बिहार के सेवानिवृत डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मैंने स्वैच्छिक सेवानिवृति ले ली है, ये मेरा अधिकार है. दो महीने से मेरा जीना मुश्किल हो गया था और हर रोज़ इस्तीफे को लेकर फ़ोन आ रहे थे. लोग खबर चला रहे थे लेकिन मैंने इस पर कुछ नहीं कहा.
गुप्तेश्वर पांडेय को पिछले वर्ष बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था। वे अगले साल फरवरी में सेवानिवृत्त होने वाले थे। इधर, पांडेय के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। हालांकि अब तक पांडेय ने इसकी घोषणा नहीं की है।
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि मैंने 34 साल की सेवा अवधि पूरी की है और इस अवधि में किसी भी दल का कोई नेता या पार्टी मुझ पर पूर्वाग्रह का आरोप लगा नहीं सकता. आज तक किसी ने मेरी निष्पक्षता पर उंगली नही उठाई है, मैंने सभी का काम किया है. किसी अपराधी के साथ कोई समझौता नही किया, सब पर कहर बन कर टूटा. मैंने 50 से अधिक मुठभेड़ की हैं और कोई नही कह सकता मैने किसी निर्दोष के साथ कुछ गलत किया हो.
उल्लेखनीय है कि फिल्म अभिनेता और पटना के रहने वाले सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में पांडेय देशभर में अपने बयानों को लेकर खूब चर्चित हुए थे। तभी से यह कयास लगाया जाने लगा था कि पांडेय बिहार में चुनाव लड़ेंगे।
गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि कई लोग मुझे ट्रोल कर रहे हैं. सुशांत मामले से जोड़कर लोग देख रहे हैं. मेरे वीआरएस से सुशांत मामले का कोई लेना देना नहीं है. मैंने सुशांत के निराश और हताश पिता की मदद की लेकिन मेरी सीबीआई की अनुशंसा पर भी सवाल उठे, जो सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहरा दिया. हमने हंगामा तब किया जब हमारी पुलिस के साथ गलत हुआ. मैंने सुशांत के इंसाफ के लिये लड़ाई लड़ी. लोग कह रहे हैं कि मैने सुशांत के मामले को उठाया, उसे लोग राजनीति से जोड़ रहे हैं जो गलत है.