*पुत्री की मृत्यु की जांच से असंतुष्ट पिता की शिकायत पर डीजीपी ने लिया संज्ञान* *(अर्जुन सिंह भंडारी)*
देहरादून-: किसी भी सूरत में लापरवाही बर्दाश्त नही किये जाने के अपने फैसले पर अडिग रहते हुए आज पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा जनपद हरिद्वार के थाना गंगनहर में विवेकाधीन एक युवती द्वारा आत्महत्या के मामले की जांच से असंतुष्ट पिता द्वारा उनको भेजे शिकायती पत्र पर संज्ञान लेते हुए जांच के दौरान ठोस साक्ष्यों को नज़रंदाज़ करने के आरोपी पुलिस कर्मियों को निलंबत करने व पूरे प्रकरण की जांच किसी अन्य अधिकारी से करवाते हुए 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रेषित करने को पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र को निर्देशित किया है।
बताते चले कि मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश निवासी कविता की शादी जनपद हरिद्वार के थाना गंगनहर में हुई थी जहां शादी के मात्र 4 वर्ष के भीतर 27 अगस्त 2018 को उसने आत्महत्या कर ली। जिसके बाद मृतका के पिता राजकुमार द्वारा उसके ससुराल पक्ष पर उनसे दहेज की मांग करने व धमकी देने के आरोप लगाते हुए थाना गंगनहर में शिकायत दर्ज करवाई थी। जिसपर थाने द्वारा जांच कर पूरे प्रकरण को धारा 306/506 का मामला दर्ज कर न्यायालय में में अंतिम रिपोर्ट लगा दी गयी थी।
दिनांक 19 मार्च, 2021 को मृतका के पिता द्वारा जनपद देहरादून स्थित पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक से मिलकर इस प्रकरण में पुनः जांच करने हेतु एक शिकायती पत्र दिया। शिकायत पत्र पर त्वरित संज्ञान लेते हुए उनके द्वारा मामले की जांच कर रहे विवेचक को सम्पूर्ण अभिलेखों के साथ अपने कार्यालय बुलाया जहां उनके द्वारा मामले की समीक्षा करने पर मृतका की मृत्यु शादी के 7 वर्ष के भीतर होना पाया गया व मृतका द्वारा वर्ष 2017 में अपने ससुराल पक्ष के विरुद्ध मुजफरनगर के महिला थाने में दहेज प्रताड़ना की शिकायत दर्ज करवाई गई थी जिसमे विवेचना के बाद आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र लगाया गया था।
पुलिस महानिदेशक के सम्मुख प्रस्तुत दस्तावेजो में विवेचक द्वारा मृतका की मृत्यु को दहेज हत्या मान जांच न करने व उसके द्वारा वर्ष 2017 में दर्ज शिकायत को संज्ञान में न लेते हुए जांच करना उनके द्वारा जांच में लापरवाही मानी गयी। जिसके उपरांत उनके द्वारा पुलिस उपमहानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र को मामले की किसी अन्य सक्षम अधिकारी से पुनः जांच करवाने,दोषी अधिकारियों/कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने और प्रकरण की जांच पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण, हरिद्वार कराते हुए 07 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने के आदेश दिए।