*तीन जनपदों के असंतुष्ट याचिकाकर्ताओं की शिकायत पर डीजीपी ने लिया सीधा संज्ञान, ढीले रवैये पर अधिकारियों को दी चेतावनी* *(अर्जुन सिंह भंडारी)*
देहरादून-: पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा आम जनता के प्रति वर्दी के फर्ज व जिम्मेदारियों के प्रति पुलिस कर्मीकर्मियों में सुधार करने के प्रयासों में पुलिस महानिदेशक हर क्षेत्र में कार्य कर रहे है व कर्तव्यों में ढिलाई पर कड़ी कार्यवाही अमल में ला रहे है। इस कड़ी में जनपद देहरादून, उधमसिंह नगर व हरिद्वार के तीन याचिकाकर्ताओं द्वारा पुलिस मुख्यालय को प्रेषित शिकायतों में पुलिस महानिदेशक द्वारा आज वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से संज्ञान लेते हुए इन मामलों के जांच अधिकारियों को मामले के निवारण में देरी व सीमित जांच कार्यवाही पर चेतावनी देते हुए जल्द कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा प्रदेश के हर थाने में आम जनता द्वारा लाये जाने वाले शिकायतों पर संवीदनशील रवैया रखते हुए पुलिस कार्यों को करने को निर्देशित किया था जिसपर उनके द्वारा भी प्रदेश के उन तमाम मामलों को जिनमे शिकायतकर्ता किन्ही भी वजह से असंतुष्ट हो,को सीधे मुख्यालय स्तर पर अपनी शिकायत लाने का प्रावधन भी किया गया था जिसमे उनके व अन्य अधिकारियों द्वारा वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के माध्यम से उनकी शिकायतों का निवारण किये जाने की बात कही थी। इस क्रम में आज उनके द्वारा जनपद देहरादून के कौलागढ़ निवासी एक महिला द्वारा उसके पति के साथ हुई घटना में थाना पटेलनगर द्वारा हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के संबंध में प्रेषित शिकायत मे मुख्यालय द्वारा महिला की शिकायत सही होना आया गया जिसपर पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रकरण संबंधी पत्रावली जांच करने व उपस्थित अधिकारी व पीड़ित का पक्ष सुनने पर विवेचना अधिकारी को दोषपूर्ण मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने, प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाने की हिदायत देते हुए क्षेत्राधिकारी सदर को चेतावनी दी गयी। साथ ही प्रकरण की जांच सक्षम अधिकारी से कराते हुए 15 दिवस के भीतर रिपोर्ट प्रेषित करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून को निर्देशित किया गया है।*
वहीं जनपद ऊधमसिंहनगर के प्रकरण में खड़कपुर निवासी एक महिला ने कारागार सितारगंज के बंदी रक्षकों पर सजायाफ्ता बंदीयों के घर की महिलाओं का टेलीफोन नम्बर प्राप्त कर उनसे अश्लील बातें करना, बंदियों को जेल में मोबाइल, ब्लूटूथ, नशीले पदार्थ उपलब्ध कराने हेतु पैसे की सौदेबाजी करने और पैसे एकाउन्ट में मांगने का आरोप लगाए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रार्थना पत्र पुलिस मुख्यालय प्रेषित किया था जिसपर पुलिस महानिदेशक द्वारा आज संज्ञान लेते हुए जांच पत्रावली की समीक्षा एवं सभी उपस्थित जनों का पक्ष सुना । उन्होंने कहा कि प्रार्थना पत्र में आरोप गंभीर प्रवृति के हैं, लेकिन इसकी कोई जांच नहीं हुई। मात्र समझौते के आधार पर जांच को समाप्त कर दिया गया। जांच में न ही काॅल रिकार्डिंग और न ही बंदी रक्षकों के बैंक खातों को चैक किया गया। आरोपों की जांच गहराई से करनी चाहिए थी। प्रकरण की जांच स्तर बढ़ाने की हिदायत देते हुए उनके द्वारा क्षेत्राधिकारी सितारगंज को चेतावनी दी गयी । साथ ही प्रकरण की जांच एसओजी से भी कराने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, ऊधमसिंहनगर को निर्देशित किया गया है।
जनपद हरिद्वार के मंगलौर निवासी एक व्यक्ति द्वारा अपनी नाबालिक पुत्री के बीते 2 माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी कोई सुराग न लगने पर मुख्यालय को शिकायत पत्र दिया था जिसपर पुलिस महानिदेशक द्वारा उस विवेचना को उस थाने सेदूसरे थाने के सक्षम विवेचाधिकारी को सौपतें हुए नाबालिग की शीघ्र बरामद हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार को निर्देश सीए है।
*इसके अतिरिक्त महिला संरक्षण समिति, चमोली द्वारा प्रेषित एक शिकायती प्रार्थना पत्र में मुख्यालय द्वारा करायी गयी जांच में तत्समय एसओजी प्रभारी की संलिप्ता प्रकाश में आने पर पुलिस महानिदेशक द्वारा उक्त उपनिरीक्षक के विरूद्ध कार्यवाही किये जाने हेतु पुलिस अधीक्षक, चमोली को निर्देशित किया गया है।