Thursday, July 10, 2025
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देहरादून

पंचायत चुनाव में आरक्षण नियमावली पर धामी सरकार ने लिया बड़ा फैसला। 

आरक्षण नियमावली न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करेगी सरकार

देहरादून।

सचिव पंचायतीराज श्री चंद्रेश कुमार ने अवगत कराया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) की प्रक्रिया गतिमान है।

 

उन्होंने बताया कि माननीय उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा वर्तमान में पंचायतों में आरक्षण प्रक्रिया पर अंतरिम आदेश (स्थगन) पारित किया गया है, जिसकी समुचित रूप से अनुपालना की जा रही है।

सचिव पंचायतीराज ने कहा कि आरक्षण नियमावली 2025 की गजट नोटिफिकेशन की प्रति प्रिंटिंग के लिए राजकीय प्रेस रुड़की में गतिमान है, जिसे शीघ्र जारी कर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा, ताकि स्थिति से अवगत कराते हुए उचित न्यायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार न्यायालय की पूर्ण गरिमा एवं निर्देशों का सम्मान करते हुए पंचायतीराज व्यवस्था को संविधान व विधि सम्मत रूप से संचालित करने हेतु प्रतिबद्ध है।

उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर फिलहाल असमंजस की स्थिति बनी हुई है। नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा आरक्षण प्रक्रिया पर पारदर्शिता की कमी के आधार पर अंतरिम रोक लगाए जाने के बाद अब राज्य सरकार इस पर संवैधानिक और कानूनी रास्ता अपनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।

सचिव पंचायतीराज चंद्रेश कुमार ने हाईकोर्ट के फैसले के बाद जानकारी दी कि पंचायतों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर 2025 की नई नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) प्रक्रिया प्रगति पर है।

उक्त अधिसूचना की प्रति फिलहाल राजकीय प्रेस, रुड़की में मुद्रणाधीन है, जिसे शीघ्र प्रकाशित कर नैनीताल हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। सरकार की मंशा है कि अदालती मार्गदर्शन प्राप्त कर पंचायत चुनावों की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा सके।

सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार माननीय न्यायालय के अंतरिम आदेश की पूर्ण अनुपालना कर रही है और न्यायालय की गरिमा एवं निर्देशों का सम्मान करते हुए पंचायतीराज व्यवस्था को संविधान व विधिसम्मत ढंग से संचालित करने के लिए संकल्पबद्ध है।

हाईकोर्ट की रोक के बाद अब राज्य सरकार की कोशिश रहेगी कि आरक्षण प्रक्रिया की वैधानिकता को लेकर कोर्ट की संतुष्टि सुनिश्चित की जाए, ताकि आगामी पंचायत चुनावों की राह फिर से प्रशस्त हो सके।

बहरहाल, सम्बंधित विभाग की ओर से हुई चूक को लेकर विपक्ष को भी हमलावर होने का मौका मिल गया।

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