कोटद्वार

कोटद्वार : प्रदेश में धामी ने लागू किया नकल विरोधी सख्त कानून, हेमन्त द्विवेदी

कोटद्वार:- कोटद्वार। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हेमंत द्विवेदी द्वारा कोटद्वार जिला कार्यालय में पत्रकार वार्ता कर नकल विरोधी सख्त कानून पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में धामी सरकार शुरुआत से ही भ्रष्टाचार पर प्रहार की नीति के तहत कार्य कर रही है। नकल माफिया पर भी सरकार का शुरू से ही सख्त रुख रहा है। अब तक जितनी भी परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत मिली है उन पर गंभीरता दिखाते हुए उनकी जांच कराई है। परिणाम स्वरुप डेढ़ साल के भीतर उत्तराखंड में आठ भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई है। इनमें से 5 परीक्षाएं रद्द की जा चुकी है.जबकि शेष पर जांच चल रही है।

आज विपक्ष और कुछ तथाकथित लोग विभिन्न परीक्षाओं में हुई धांधली को लेकर भाजपा सरकार पर निशाना साध रहे हैं और धामी सरकार की छवि को धूमिल करने का एजेंडा चला रहे हैं, जबकि सच यह है कि अभी तक धामी सरकार ने परीक्षा माफियाओं का पर्दाफाश कर उन्हें न केवल जेल भेजा है, बल्कि सख्त कानून बनाकर आने वाले समय के लिए भी एक मिसाल पेश की है, जिससे नकल माफियाओं पर लगाम कस सके। गैंगस्टर जैसी सख्त धाराओं में कार्यवाही करने और देश का सबसे सख्त नकल रोधी कानून लाने का काम धामी सरकार ने किया है।

राज्य सरकार ने बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए विभिन्न बिंदुओं पर कार्रवाई की है।

1-राज्य सरकार पटवारी भर्ती पेपर लीक मामले की एसआईटी जांच को हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराएगी।
2-सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा अस्वीकार किया जा चुका है। हाई कोर्ट पहले ही यह अवधारित कर चुका है कि जांच सही हो रही है, इसलिए प्रकरण की सीबीआई नहीं करायी गई।
3-आंदोलनरत युवाओं की एक मांग पटवारी भर्ती में प्रश्नपत्र बदले जाने की थी। लोक सेवा आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 12 फरवरी को पटवारी परीक्षा के प्रश्न पत्र नए सिरे से तैयार किए गए।
4- सख़्त नकल विरोधी अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।
5- राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है।

नकल विरोधी अध्यादेश पर महत्वपूर्ण तथ्य-

– इस कानून को उत्तराखंड प्रतियोगिता परीक्षा अध्यादेश 2023 के संक्षिप्त नाम से जाना जाएगा, जिसे इन परीक्षाओं में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय अथार्थ नकल रोकने के दृष्टिगत लाया गया है।

– परीक्षा आयोजन प्रक्रिया से संबन्धित सरकारी, गैरसरकारी व्यक्ति या संस्था, जो नकल को किसी भी तरह से अंजाम देता हुआ पाया जाता है, उसे न्यूनतम 10 वर्ष और अधिकतम आजीवन कारवास की सजा एवं न्यूनतम 1 करोड़ से अधिकतम 10 करोड़ रुपए का जुर्माना का प्रवाधान है। जुर्माना नहीं चुकाने पर 3 वर्ष तक का कारावास बढ़ाया जा सकता है।

– परीक्षा अभ्यर्थी के नकल में संलिप्त पाये जाने पर 3 वर्ष का कारावास एवं 5 लाख का जुर्माना का प्रावधान है। दोबारा दोषी पाये जाने पर न्यूनतम 10 वर्ष की सजा व न्यूनतम 10 लाख के जुर्माना होगा।

-यदि कोई प्रतियोगी परीक्षा प्रश्न पत्रों, उत्तरपत्रों या OMR शीट की चोरी, लूट या अनधिकृत रूप से नष्ट करने का दोषी साबित होगा तो उसे न्यूनतम 7 वर्ष से अधिकतम 10 वर्ष की सजा एवं 50 लाख से एक करोड़ जुर्माने का प्रावधान है।

 

 

नकल माफियाओं पर लिए गए एक्शन-
अब तक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को जितनी भी परीक्षाओं में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, उन्होंने गंभीरता दिखाते हुए उनकी जांच कराई है। आठ भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई, इनमें से 5 परीक्षाएं रद्द की जा चुकी हैं। जबकि शेष तीन की जांच चल रही है। नकल माफियाओं के खिलाफ एक्शन लगातार जारी है। एक ओर पिछले कुछ महीनों में नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में 60 से ज्यादा लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश में सख्त नकल विरोधी कानून के अध्यादेश को भी मुख्यमंत्री ने मंजूरी देकर सरकार की साफ़ नियत स्पष्ट हो चुकी है। प्रदेश में अब नकल माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और भी सख़्त तरीक़े से की जा सकेगी।
* वर्ष 2015 से अब तक के यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी की ओर से 3314 पदों के लिए कराई गई इन भर्ती परीक्षाओं में 68 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
* 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 196 पदों के लिए भर्ती कराई गई थी इस भर्ती परीक्षा की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी, इस आरोप में यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर आरबीएस राव पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया सहित छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
* धांधली के सूत्रधारों में यूके एसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया और यूकेपीएससी के दो अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी एवं संजीव कुमार भी शामिल है जो अब अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी करने के चलते जेल में है।
* विभिन्न विभागों में स्नातक स्तरीय 933 पदों को भरने के लिए 4 और 5 दिसंबर 2021 को परीक्षा कराई गई थी इस मामले में नकल माफिया हाकम सिंह केंद्र पाल और प्रश्न पत्र छापने व परीक्षा की अन्य जिम्मेदारियां संभाल रही आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस के मालिक राजेश चौहान समेत 43 आरोपितों को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

* दरोगा (सीधी भर्ती ) परीक्षा वर्ष 2015 में 339 पदों पर सीधी भर्ती की गई थी जिसमें भी घपलेबाज ही सामने आई भर्ती परीक्षा में ओएमआर शीट में छेड़छाड़ और कई अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत कर दरोगा बन गए थे, जिसमें अब तक कठोर कार्यवाही करते हुए 20 दरोगा निलंबित किए जा चुके हैं।
*जेई एई भर्ती परीक्षा वर्ष 2022 में जेई के 735 और एई के166 पदों के लिए परीक्षा कराई गई थी इस पेपर लीक को भी लेखा भर्ती की धांधली में लिप्त गिरोह ने अंजा था इसमें 9 आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है।

*मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर UKSSSC द्वारा गतिमान 7000 पदों पर भर्ती प्रक्रिया को राज्य लोक सेवा आयोग (UKPSC) को हस्तान्तरित करने के सम्बंध में 9 सिंतबर को कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर दिया गया। था। इस मामले में लोक सेवा आयोग द्वारा 4 जनवरी को पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित की गई थी। मामले में गड़बड़ी की शिकायत मिलते ही प्रदेश सरकार ने न सिर्फ़ आयोग के कार्मिक को गिरफ़्तार कर परीक्षा स्थगित कर दी। बल्कि उक्त परीक्षा की नई तिथि 12 जनवरी को घोषित कर परीक्षा देने वाले छात्रों को रोडवेज़ बसों में निशुल्क पेपर देने हेतु आवागमन की व्यवस्था भी की गई है।

* सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा 33 पदों के लिए आयोजित की गई थी 26 सितंबर 2021 को हुई इस भर्ती परीक्षा का पेपर भी आरएमएस टेक्नोसोल्यूशंस के कर्मचारी ने यूकेएसएसएससी के अंदर से लिख करवाया था।

* वन दरोगा के 316 पदों के लिए 16 से 25 जुलाई 2021 तक ऑनलाइन हुई इस भर्ती परीक्षा में धांधली का पर्दा तब उठा जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच की जा रही थी इस परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था चार आरोपित इस प्रकरण में भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं।

* लेखपाल के 536 पदों के लिए 8 जनवरी – 2023 को परीक्षा कराई गई थी आयोग के निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतु समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

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