जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव ने गंगा सुरक्षा समिति से जुडे़ जल संस्थान, पेयजल निगम, एमडीडीए, नगर निगम, सिंचाई तथा वन विभाग को आवंटित किए गए कार्य तेजी से पूरा करने के दिए निर्देश।
देहरादून-: जिलाधिकारी डाॅ आशीष कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में वीडियोकान्फे्रसिंग के माध्यम से जिला गंगा सुरक्षा समिति व मिशन रिस्पना के सम्बन्ध में एनआईसी सभागार में बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी द्वारा गंगा सुरक्षा समिति से जुडे़ जल संस्थान, पेयजल निगम, एमडीडीए, नगर निगम, सिंचाई तथा वन विभाग को उनको आवंटित किए गए कार्य तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने सम्बन्धित विभागों को गंगा सुरक्षा से जुड़े पेयजल, सीवर संयोजन, नालों की टैपिंग, घाटों पर मिनिमम सुविधाओं के विकास तथा सौन्दर्यीकरण, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, कूड़ा निस्तारण इत्यादि के कार्यों की उचित गुणवत्ता और शीघ्रता से पूरा करने के निर्देश दिए।
उन्होंने पेयजल निगम ऋषिकेश को विभिन्न स्थानों पर सीवर लाईन में आवश्यक सुधारीकरण के कार्यों को भी तेजी से पूरा करने को कहा। उन्होंने नगर निगम ऋषिकेश को अपने क्षेत्रान्तर्गत लगातार डोर-टू-डोर कूड़ा उठान करने तथा विभिन्न कूड़ा कलैक्शन प्वांइट्स से भी नियमित रूप से कूड़ा उठायें तथा शहर को स्वच्छ रखने के निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त वन विभाग को टीएचडीसी के माध्यम से स्मृति वन बनाए जाने, आईडीपीएल क्षेत्र में सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करने, संजयझील के पुनरूद्धार में भूमि हस्तांतरण करने के निर्देश दिए।
बैठक में सिंचाई विभाग को नाबार्ड के माध्यम से लक्कड़घाट में खाली पड़ी भूमि पर साहसिक पर्यटनस्थल विकसित करने के निर्देश दिए साथ ही इसकी रिपोर्ट 15 दिन में प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड को लक्कड़घाट क्षेत्र से गंदा पानी सीधे गंगा नदी में जाने की शिकायत का सज्ञांन लेते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए।
उन्होंने नगर निगम ऋषिकेश को सामुदायिक शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर नामित सदस्य विनोद जुगलान ने पशुओं के निवास हेतु कांजी हाउस का निर्माण कराए जाने की बात कही, जिस पर जिलाधिकारी ने उप जिलाधिकारी तथा नगर निगम को तत्काल कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इसके अलावा सिंचाई विभाग को खदरी खड़कमाफ के बाड़ सुरक्षा कार्यों के आगणन तैयार कर 1 सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने रिस्पना के सम्बन्ध में कार्यों की समीक्षा करते हुए सिंचाई विभाग, सम्बन्धित उप जिलाधिकारी, पेयजल निगम, एमडीडीए आदि विभागों को संयुक्त निरीक्षण करते हुए रिस्पना नदी में विभिन्न समय के अनुसार पानी धारिता का अवलोकन करते हुए प्लान बनाने के निर्देश दिए।
उन्होंने नगर निगम देहरादून को रिस्पना नदी से सटी आबादी से कूड़ा उठाने तथा लोगों द्वारा डोर-टू-डोर दिए जा रहे कूड़े का अवलोकन करते हुए कूड़े के निस्तारण का अग्रिम बेहतर प्लान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने एमडीडीए को रिवरफ्रन्ट डेवलपमेन्ट से सम्बन्धित तथा वन विभाग को वृक्षारोपण इत्यादि से सम्बन्धित प्लान के बारे में विवरण प्राप्त करते हुए इस सम्बन्ध में प्रस्ताव तैयार करने को निर्देशित किया।
उन्होंने नगर निगम देहरादून को रिस्पना के किनारे बसी बसावटों में कूड़ेदान लगाये जाने के निर्देश दिए। उन्होंने एमडीडीए को वैडिंग प्वांइटों, स्कूलों में वर्षा जल संग्रहण, जलाशय के सम्बन्ध में वर्षाजल संग्रहण के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इसका मीडिया के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करना भी सुनिश्चित करें।
बैठक में नगर निगम को डोर-टू-डोर कूड़ा कलैक्शन कराने के साथ ही नालों की सफाई करते हुए रिस्पना नदी को पुर्नर्जीवित करने की कार्य योजना बनाए जाने पर बल दिया तथा गन्दगी फैलाने वालों के विरूद्ध चालान की कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए। साथ ही नदी से कूड़ा कचरा उठाने के लिए विशेष अभियान भी चलाएं।
उन्होंने पेयजल निगम को नालों की टैपिंग कार्य में तेजी लाए जाने को कहा। उन्होेंने जल संस्थान को मोथोरोवाला में एससीपी में सुधार लाने के साथ ही रिस्पना नदी के पानी के वितरण तथा जलहानि की जानकारी भी ली। अन्त में जिलाधिकारी ने गंगा सुरक्षा समिति तथा रिस्पना पुनर्जीवन से जुडे़ विभागों को दिए गए कार्यों को समय से पूरा करने कार्यों से सम्बन्धित किसी भी प्रकार के प्रस्तावों को समय से प्रेषित करने के निर्देश दिए।
इस दौरान बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नितिका खण्डेलवाल, प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी कहकशा नसीम, उप जिलाधिकारी मसूरी मनीष कुमार, जिला विकास अधिकारी सुशील मोहन डोभाल, अधीशासी अभियंता सिंचाई दिनेश चन्द्र पुरोहित, पेयजल के राजेन्द्र पाल, जल निगम ऋषिकेश के ए.के चतुर्वेदी, एमडीडीए के अजय माथुर, नगर निगम के डाॅ आर के जोशी, सहित गंगा समति से नामित सदस्य विनोद जुगलान समेत सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।