भारत पाक टेन्सन का असर दुबई में उत्तराखंड के युवक को बनाया बन्धक, एसएसपी मणिकांत मिश्रा की त्वरित कार्यवाही से बची युवक की जान।
भारत द्वारा सिंधु जल समझौता रद्द होने से बौखलाए पाकिस्तानी युवको ने दुबई में साथ मे काम कर रहे एक कम्पनी में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के किच्छा निवासी 26 साल के विशाल की दुबई में भयावह कहानी सामने आई है. भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के दौरान विशाल पाकिस्तानी युवकों की नफरत का शिकार बना.
उसे न केवल भूखा-प्यासा रखा गया, बल्कि मारपीट और पासपोर्ट छीनने जैसी क्रूरता भी झेलनी पड़ी. उधम सिंह नगर के SSP मणिकांत मिश्र की त्वरित कार्रवाई ने विशाल को इस नारकीय स्थिति से निकाला.
इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने वाला विशाल अपने सपनों को साकार करने के लिए 8 मई, 2025 को दुबई गया. उसे एजेंट समीर अहमद ने नौकरी का लालच देकर भेजा था. वहां विशाल को कुछ पाकिस्तानी युवकों के साथ एक कंपनी में काम करना पड़ा. लेकिन भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात और भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को रद्द करने से नाराज इन युवकों ने विशाल पर अपनी भड़ास निकाली. उसे पानी तक के लिए तरसाया गया और लगातार प्रताड़ित किया गया.
मां की फरियाद पर SSP ने लिया एक्शन
विशाल ने अपनी मां को फोन पर रोते हुए अपनी हालत बताई. बेटे की ऐसी स्थिति सुनकर मां तुरंत SSP मणिकांत मिश्र के पास पहुंचीं. उन्होंने बताया कि विशाल का पासपोर्ट छीन लिया गया है और उसे मारपीट का सामना करना पड़ रहा है. SSP ने तुरंत एजेंट समीर अहमद को बुलाकर पूछताछ की. दबाव बनाने के बाद विशाल का पासपोर्ट वापस मिला. SSP ने अपने दुबई के परिचितों से संपर्क कर विशाल को सुरक्षित निकालने की व्यवस्था की.
14 मई को घर लौटा विशाल
कई प्रयासों के बाद 14 मई, 2025 को विशाल सकुशल अपने घर किच्छा लौट आया. घर पहुंचने के बाद विशाल और उनकी मां ने SSP मणिकांत मिश्र से मुलाकात की और उनका आभार जताया. विशाल ने पुलिस को बताया कि वह केवल एक हफ्ते दुबई में रहा, लेकिन उस दौरान उसे भयानक यातनाएं सहनी पड़ीं. उसने अपनी पूरी आपबीती सिलसिलेवार सुनाई, जिससे पाकिस्तानी युवकों की नापाक हरकतें उजागर हुईं.