अल्मोड़ादेहरादून

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी बने शिवानी के सरपरस्त:

“बड़े महेब हैं बादल, बड़ी शदीद हवा,
हर एक सम्मत है, तूफान सर उठाए हुए,
यह सोचता हूं के, जब नाखुदा भी छोड़ चुका,
यह कौन है जो , कश्ती है मेरी बचाए हुए”?

हिमांशु नौरियाल एसोसिएट संपादक उत्तराखंड केसरी
8477937533

देहरादून,

अल्मोड़ा जिले में सोमवार को हुए दर्दनाक बस हादसे ने पूरे राज्य को उदासीन कर दिया। इस दुर्घटना में 36 लोगों की मौत हो गई और 27 लोग घायल हो गए, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है।

इस हादसे से प्रभावितों में से एक हैं, तीन साल की मासूम बच्ची शिवानी, जिसने इस घटना में अपने माता-पिता को खो दिया। शिवानी के माता-पिता मनोज रावत और चारू देवी की इस दुर्घटना में मौत हो गई, और अब शिवानी अनाथ हो गई है।

अल्मोड़ा जिले के मर्चुला क्षेत्र में हुए दर्दनाक बस हादसे में माता-पिता को खोने वाली तीन वर्षीय शिवानी के लिए उत्तराखंड सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस दर्दनाक घटना में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक अभिभावक की भूमिका निभाई है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कठिन घड़ी में एक संवेदनशील व साहसिक निर्णय पर प्रदेश की जनता कर रही हैं सराहना | मुख्यमंत्री ने इस घटना में गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए शिवानी की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार द्वारा उठाए जाने की घोषणा की है।

धामी ने कहा कि:
“मर्चुला में हुई बस दुर्घटना में हम सभी को झकझोर दिया है | इस हादसे में जो परिवार अपने प्रिय जनों को खो चुके हैं मैं उनके प्रति गहरी संवेदनाएं प्रकट करता हूं |खासकर शिवानी बिटिया जिसने इस हादसे में अपने माता-पिता खोद दिए हैं| उसकी देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी अब हमारी सरकार उठाएगी”।

धामी ने कहा कि सरकार का यह हमारा संकल्प है कि हम शिवानी को एक सुरक्षित और उज्जवल भविष्य देने में पूरी तरह से सहयोग करेगी | उन्होंने आगे कहा है कि शिवानी को अपने माता-पिता के सपनों को पूरा करने का पूरा मौका मिलेगा | हम उसकी शिक्षा और जीवन के अन्य पहलुओं का भी ध्यान रखेंगे ताकि वह भविष्य में आत्मनिर्भर बने और अपने माता-पिता को खोने का दुख भुला सके ।

शिवानी पौड़ी जिले के बिरखेत की रहने वाली है और अपने माता-पिता के साथ दीपावली मनाने के लिए अपने गांव आई थी। सोमवार, 4 नवंबर को शिवानी अपने माता-पिता के साथ रामनगर के लिए निकली थी, लेकिन रास्ते में बस एक गहरी खाई में गिर गई, जिसमें उसके माता-पिता की जान चली गई। शिवानी भी इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मासूम शिवानी अब भी अपने माता-पिता को ढूंढ रही है और बार-बार उनके बारे में पूछ रही है, बिना यह जाने कि वे अब इस दुनिया में नहीं हैं। बच्ची की देखरेख के लिए उसके नाना हरिकृष्ण नेगी, नानी सुशीला देवी अस्पताल पहुंच गए हैं। दोनों अपने बेटी-दामाद को खोने का गम छुपाए अपनी नवासी की तीमारदारी में लगे हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि राज्य सरकार शिवानी की पूरी जिम्मेदारी लेगी। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर अपने X अकाउंट पर पोस्ट कर कहा कि सरकार शिवानी की देखभाल और शिक्षा का संकल्प लेती है ताकि वह अपने माता-पिता के सपनों को साकार कर सके। उन्होंने कहा, “अल्मोड़ा के मार्चुला में हुए इस हादसे से हम सभी को गहरा आघात पहुंचा है। सरकार ने शिवानी बिटिया की देखभाल और शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने का संकल्प लिया है।”
इस हादसे ने एक मासूम बच्ची से उसका परिवार छीन लिया है, लेकिन सरकार के इस फैसले से उसे एक नई आशा और सुरक्षा का सहारा मिल सकेगा।

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