पुलिस मुख्यालय में पहली बार पधारे सूबे के मुखिया,पुलिस की योजनाओं पर दिखाया सकारात्मक रुख* (*अर्जुन सिंह भंडारी* )
देहरादून-: पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड द्वारा प्रदेश पुलिस को बेहतर व कार्यदक्ष बनाने को आयोजित प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के डेढ़ दिवसीय सम्मेलन में आज प्रदेश मुख्यमंत्री पुलिस मुख्यालय में पहली बार पधारे जहाँ प्रदेश मुख्यमंत्री की मौजूदगी में प्रदेश भर से सभी फील्ड अधिकारियों (जनपद प्रभारी, सेनानायक शाखा एवं इकाई प्रभारी),परिक्षेत्र प्रभारी प्रधानाचार्य एटीसी, पीटीसी, एसटीएफ, जीआरपी, सीआईडी, अभिसूचना एवं पुलिस मुख्यालय के समस्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अपने स्तर पर पुलिस कार्यों में दक्षता व चुनौतियों से लड़ने को पुलिस कार्ययोजना पर अपने विचार व सुझाव रखे।यह प्रदेश के इतिहास में पहली बार हुआ है कि कोई भी मुख्यमंत्री पुलिस मुख्यालय में पधारे है।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड के अनुसार उत्तराखंड ने बीते 10 वर्षों में बहुत कुछ हासिल किया है,हमारे इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हुए है। पुलिस द्वारा संवेदनशील पोलिसिंग की दिशा में काफी प्रयास किये गए है परंतु उन्हें अभी भी बहुत कुछ हासिल करना है जिसके लिए वह प्रयासरत है। जिसके चलते उनके द्वारा प्रदेश पुलिस को SMART(S-SENSITIVE & STRICT, M-MODERN WITH MOBILITY,A-ALERT & ACCOUNTABILITY, R-RELIABLE &RESPONSIVE, T-TRAINED &TECHNO-SAVVY) कार्ययोजना के तहत विकसित करना है व साथ ही पुलिस प्रशासन को ऑपरेशनल और आधुनिकीकरण में उच्चतम बनाये जाने को सभी वरिष्ठ अधिकारियों को उनके सुझावों के लिए आमंत्रित किया गया। सम्मेलन में मौजूद प्रदेश भर के सभी वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा उनके द्वारा अभी तक किये जारी, नए तरह की ड्रग्स,साइबर क्राइम आदि समस्याओं से निबटने हेतु उनकी राय व सुझाव रखे गए।
कार्यक्रम में सभी फील्ड अधिकारियों द्वारा अपनी कार्ययोजनाओं को लेकर प्रदेश मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व पुलिस महानिदेशक के सम्मुख अपना पीपीटी प्रस्तुतिकरण किया गया। उनके द्वारा इस प्रस्तुतिकरण के माध्यम से उनके द्वारा उनके परिक्षेत्र में किये गए कार्यों व भविष्य में उपजने वाली चुनौतियों के परिपेक्ष में उनसे निबटने हेतु उनकी कार्ययोजना प्रस्तुत की गई।पुलिस मुख्यालय द्वारा अपने प्रस्तुतिकरण में SMART पुलिसिंग से पुलिस की दक्षता को बढ़ाने, पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग, महिलाओं, नाबालिकों एवं बुज़ुर्गों के प्रति पुलिस को और अधिक संवेदनशील बनाये जाने को पुलिस प्रशिक्षण में भी संवेदनशीलता बढ़ाये जाने व व पुलिस के बुनियादी ढांचे में आधुनिकिकरण पर जोर दिया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस मुख्यालय में आयोजित पुलिस अधिकारी सम्मेलन में पुलिस प्रशासन स्तर पर पुलिस द्वारा प्रदेश में अपराध निवारण हेतु,पुलिस द्वारा कार्ययोजनाओ व सुधारीकरण को लेकर चर्चाएं हुई जो पुलिस द्वारा बहुत अच्छा प्रयास रहा। इस दौरान उन्होंव कहा कि पुलिस मुख्यालय द्वारा सरकार से पहाड़ी क्षेत्रों में प्रदेश पुलिस के पास कोई भी बटालियन न होने पर उनके द्वारा गैरसैण में आईआरबी खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जिनमे 800 से 900 कुल पुलिस अधिकारी व जवान शामिल किए जाएंगे व साथ ही लंबे समय से प्रस्तावित नए पुलिस मुख्यालय पर भी कार्य किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने डीजीपी द्वारा प्रस्तावित पुलिस को किसी भी आपदा व आपातकालीन समय के दौरान घायलों की सहायता को कुल 100घंटों के लिए हेली सेवा का लाभ उठाएं जाने की सुविधा भी देने को मंजूरी दी है।
इस दौरान पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आज आयोजित सम्मेलन में सभी पुलिस अधिकारियों द्वारा पुलिस की कार्यप्रणाली,पुलिस में संवेदनशीलता लाये जाने,आधुनिकीकरण की आवश्यकता, ड्रग्स,साइबर अपराधों व पुलिस को स्मार्ट बनाने हेतु चर्चा हुई जिसपर मुख्यमंत्री के सामने सभी अधिकारियों व मुख्यालय द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया व मुख्यमंत्री द्वारा भी जन पर सकारात्मक रुख दिखाया गया है। उन्होंने कहा कि आज हुए सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने पुलिस के पांच पहाड़ी पुलिस लाईन के जर्जर हो चुके भवनों के बदले उन पुलिस लाईन्न में नए भवन निर्माण हेतु हामी भरी है व साथ ही पुलिस को आधुनिक दृष्टि से व सुरक्षा की दृष्टि से हाईवे पर पैट्रोलिंग को नए वाहन दिए जाने पर बात की है। इसके अतिरिक्त उन्होंने पुलिस द्वारा स्टूडेंट पुलिस की योजना पर लंबे समय से कार्य किया जा रहा है जिसमे अब उन्हें एनसीसी की तरह ही वर्दी दी जाएगी जो पहले नही थी।
इस दौरान मुख्यालय स्तर पर पुलिस को आधुनिक बनाने को नए वाहनों व अन्य गैजेट्स को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी जिनपर मुख्यमंत्री द्वारा पुलिस को स्मार्ट बनाने हेतु बजट उपलब्ध करवाने को सरकार द्वारा कार्य किये जाने की बात कही।