कोटद्वारपौड़ी गढ़वालयमकेश्वर

बहुचर्चित अंकिता भंड़ारी हत्याकांड की सुनवाई पूरी, 30 मई को आएगा फैसला

अंकिता मर्डर केस: 2 साल 8 महीने तक चली सुनवाई पूरी, 30 मई को कोर्ट सुनाएगी फैसला

कोटद्वार

Ankita Murder Case: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता मर्डर केस में एक अदालत ने सोमवार को अपनी सुनवाई पूरी कर ली. अदालत 30 मई को अपना फैसला सुनाने वाली है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने सोमवार को बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के बीच अंतिम दलीलें सुनीं.

उत्तराखंड के चर्चित अंकिता मर्डर केस में एक अदालत ने सोमवार को अपनी सुनवाई पूरी कर ली. अदालत 30 मई को अपना फैसला सुनाने वाली है. अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने सोमवार को बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष के बीच अंतिम दलीलें सुनीं. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अनुज पुंडीर ने बताया कि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने फैसला सुनाने के लिए 30 मई की तारीख तय की है.

 – उत्तराखंड की बहुचर्चित और सनसनीखेज अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में अब फैसला आने वाला है। मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है, आज 19 मई को सुनवाई करते हुए कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित रखते हुए कहा है कि अब अंतिम फैसला 30 मई को सुनाया जाएगा। इस दिन पीड़िता के परिजन, प्रदेश की जनता और पूरे देश की निगाहें कोर्ट के फैसले पर टिकी होंगी।

अंकिता भंडारी एक रिसॉर्ट में काम करती थीं जो कथित रूप से मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का था। पुलकित उत्तराखंड के एक प्रभावशाली राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखता है। आरोप है कि अंकिता पर रिसॉर्ट के वीआईपी ग्राहकों को ‘ग़लत सेवा’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। इसके बाद 18 सितंबर 2022 को वह रहस्यमयी तरीके से लापता हो गई थीं।

कई दिन की खोजबीन के बाद अंकिता का शव ऋषिकेश की चीला नहर से बरामद हुआ था। इस मामले में पुलकित आर्य, उसके दो साथियों – रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भारद्वाज और सहकर्मी अंकित गुप्ता – को गिरफ्तार किया गया था। तीनों पर अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने के आरोप लगाए गए।

अंकिता भंडारी के परिवार और समाज के बड़े तबके ने इस मामले में त्वरित और सख्त न्याय की मांग की। जनता के आक्रोश के चलते सरकार को रिसॉर्ट को बुलडोजर से ढहाना पड़ा था। केस में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आई थी, क्योंकि शुरुआती जांच में कई चूकें सामने आईं।

इस केस को फास्ट-ट्रैक कोर्ट में चलाया गया, जहां अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलें कई महीनों तक चलीं। आखिरकार, मई 2025 में सुनवाई पूरी कर ली गई। अब अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए इसे 30 मई को सुनाने की घोषणा की है।

अंकिता के माता-पिता ने बार-बार मीडिया से अपील की है कि उनकी बेटी को इंसाफ मिलना चाहिए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक बेटी का मामला नहीं, बल्कि हर उस लड़की की लड़ाई है जो अपने आत्मसम्मान के लिए खड़ी होती है। उत्तराखंड समेत पूरे देश में इस केस को लेकर जनता की भावनाएं गहराई से जुड़ी रही हैं। सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक लोगों ने न्याय की मांग की। 30 मई को यह देखा जाएगा कि न्यायपालिका इस बहुचर्चित मामले में क्या रुख अपनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *