यहाँ गोवर्धन पर्व के नाम पर गायों के साथ खिलवाड़, ये कैसी परंपरा ?
जबलपुर में दीपावली के दूसरे दिन ग्वाल वंश के लोग पहले गोवर्धन के साथ-साथ गायों की पूजा करते हैं। इसके बाद पुरानी परंपरा के साथ गाय के साथ खिलवाड़ कर परेशान करते हैं।
जबलपुर,। हिंदू धर्म में दीपावली (Diwali) के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा (Govardhan festival) की परंपरा है। आज देश भर में गोवर्धन पूजा की जाएगी। इसके लिये विभिन्न जगहों पर कई तरह के रिवाज किये जाते हैं। इसी बीच जबलपुर में भी आज ग्वाल वंश के लोगों ने भगवान श्री कृष्ण की पूजा की। इस दौरान गायों (Cows) के साथ खेली जा रही पुरानी परंपरा एक बार फिर देखी गई जहाँ बछड़े के चमड़े से गायों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
ऐसी है परंपरा
बताया जाता है कि दीपावली के दूसरे दिन ग्वाल वंश के लोग पहले गोवर्धन के साथ-साथ गायों की पूजा करते हैं। इसके बाद फिर वही पुरानी परंपरा के साथ गाय के साथ खिलवाड़ करते हैं। लोग गाय के बच्चे के चमड़े को गाय के सामने दिखाकर उसे परेशान करते हैं। यादव समाज के लोग बताते है कि यह पुरानी परंपरा बहुत पुरानी है जो कि सदियों से चली आ रही है।
प्रथा बंद होने की उठी मांग
जिस तरह पुरानी परंपरा के नाम पर गायों को परेशान किया जा रहा है उसे देखते हुए इसे बंद करने की मांग उठने लगी है। लोगों का कहना है कि इस परंपरा के नाम पर गाय को परेशान किया जाता है। लिहाजा इसे बंद किया जाना चाहिए।
इस दौरान जबलपुर में होने वाले इस परंपरा को लेकर सामाजिक लोगों ने बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण की पूजा के अलावा अलग-अलग तरह की मिठाई का भोग लगाया गया। ऐसा माना जाता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की थी और उन्हें विभिन्न मिठाईयों का भोग लगाया था। इसके बाद गायों को सजा कर उन्हें फूल मालाएं पहनाकर उनकी पूजा की गई और उसके बाद उन्हें भी विभिन्न तरह के पकवान खिलाए गए