द्वाराहाट के विधायक पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाने के वाली महिला की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही सरकार से 12 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट में महिला के वकिल ने पक्ष रखते हुए कहा कि महिला सिर्फ बच्चे के अधिकार के लिए लड़ रही है और उसकी ओर से नहीं विधायक की पत्नी की ओर से मामला रफा दफा करने को पैसे ऑफर किये गए थे। अगली सुनवाई 12 अक्टूबर को होगी।
नैनीताल हाईकोर्ट में द्वाराहाट विधायक पर आरोप लगाने वाली महिला की गिरफ्तारी पर न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। पीड़िता व उसके दो अन्य सगे लोगों ने याचिका दायर कर उनके खिलाफ देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में नौ अगस्त को दर्ज एफआईआर को निरस्त करने व अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी।
याचिकाकर्ताओं का कहना था कि देहरादून पुलिस ने उनकी शिकायत तो दर्ज नहीं कि लेकिन दबाब में आकर विधायक की पत्नी द्वारा दी गयी शिकायती पत्र पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। उल्लेखनीय है कि विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता ने एफआईआर में बताया है कि द्वाराहाट में पीड़िता व उसके परिजन उनके पड़ोस में रहते हैं और वो अन्य लोगों की तरह अपनी समस्याएं लेकर अक्सर उनके घर आते रहते थे।
महिला का चाल चलन ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने उसे अपने घर आने पर रोक लगा दी थी। एफआईआर में यह भी कहा गया कि महिला ने भागकर शादी की और उसका अपने पति के साथ कोर्ट में केस रहा है। विधायक की पत्नी ने यह भी आरोप लगाया है कि पीड़िता ने उन्हें फोन कर कहा था कि वो महेश के बच्चे की मां है। उनकी पांच करोड़ रुपये की मांग नहीं मांगी गई तो नेगी का राजनीतिक भविष्य बर्बाद करने के साथ परिवार को भी बदनाम कर देंगी। पीड़िता ने उसकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज करने व विधायक के डीएनए टेस्ट के आदेश पारित करने की मांग की है।