कर हिम्मत तू,रख इरादे फतेह के तू,
है हौसला तुझमे,तो कठिनाई की राह पर चला चल तू,
यकीन है मुझे हौसलों पर तेरे,
मुश्किलों से डरकर अब झुकना नही तू।।
देहरादून-:घर परिवार से ठुकराए गए जिस युवक को उसके नशा न करने के भरोसे पर भरोसा कर थानाध्यक्ष रायपुर अमरजीत सिंह रावत ने उसके जीवन में एक उम्मीद जगाई थी आज उसी युवक अर्चित ने अपने भीतर ‘कानून को पढ़ने’ की ललक जगाकर अपने जीवन को मकसद देने का इरादा कर लिया है,जिसको साकार करने का दायित्व भी रायपुर थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अमरजीत सिंह रावत ने उठाया है व उसके इस सपने को हकीकत बनाने के लिए उनकी तरफ से हर संभव मदद का वादा किया है।
अर्चित की आज की ज़िन्दगी देख याद आता है-एक वक़्त वह भी था जब अपने पिता की मृत्यु के बाद अनजाने में ही अर्चित नशे की गिरफ्त में जकड़कर अपने परिजनों के ही गहने चुरा कानून का गुनाहगार बन गया था,पर आज वक़्त का जोर ऐसा है कि वही कानून का गुनहगार कानून की पढ़ाई कर अपनी बेमकसद ज़िन्दगी को मकसद देना चाहता है। और इस सपने को उसके जीने का हक़ मिला है उत्तराखंड पुलिस की बदौलत। जिन्होंने इस कोरोना में न सिर्फ अर्चित को रहने के लिए पुलिस थाने में जगह दी बल्कि उसको समाज की मुख्यधारा में जोड़ने व सुधरने के प्रयासों में सहायता भी की।उसने रायपुर पुलिस थाने के साथ मिलकर कोरोना में असहाय व मदद के इच्छुक लोगों की सहायता साथ ही स्वयं नशा छोड़ और युवाओं को भी नशा छोड़ने के प्रति पुलिस जागरूकता अभियान में भूमिका भी निभाई।
और अब उसने नशे की लत तो पूर्ण तरीके से छोड़ दी है किन्तु उस अब एक दूसरी ही लत अपना ली है,वकील बनने की लत।जिसके लिए उसने पहले बीच में ही छूटी उसकी बारवीं कक्षा पास करने का मन बनाया है और फिर वकील बन अपने जीवन को नई दिशा देने का संकल्प। थानाध्यक्ष रायपुरअमरजीत द्वारा उसकी शिक्षा को पूर्ण करवाने का दायित्व उठाया गया है,इसके साथ ही रायपुर थाना भी अर्चित की इस मकसद में भरपूर सहयोग कर रहे है।
*पुलिस हमेशा से ही आम जनता को उनकी मौजूदगी में – उनकी तरफ सेवा,सुरक्षा व मित्रता का प्राथमिक भाव का संकल्प लेते हुए प्रतिबद्धता दर्शाती है और यकीनन उत्तराखंड पुलिस के इस कदम से अर्चित की ज़िन्दगी का जो सकारात्मक पहलू समाज के सामने आया है और जिस सेवा व सुरक्षा भाव से उत्तराखंड पुलिस द्वारा उसके वादे पर भरोसा कर उसको जीवन जीने की उम्मीद दिखाई है वह पंक्ति के शब्दार्थ में कहे तो-सेवा,सुरक्षा व मित्रता के भाव को चरितार्थ करने की ओर समर्पित है।*
गर्व है मुझे दून पुलिस के इस कदम पर जिनकी बदौलत कानून तोड़ने वाला आज खुद कानून का सम्मान करने वाला बन गया है। खाकी की जीत शायद ही इससे बड़ी कोई और होती होगी!!!
जय हिन्द! जय भारत!