देहरादून

– शौर्य का नाम मिटाओगे, तो क्या सिखाओगे

2 – “नाम बदलने से नहीं बदलता भविष्य – खिलाड़ियों को चाहिए संसाधन, न कि सिर्फ बोर्ड पर नया नाम!”

उत्तराखंड खेल विभाग ने राज्य के विभिन्न शहरों में स्थित खेल परिसरों का नाम बदलकर एक नया “नामकरण अभियान” शुरू किया है:
• देहरादून: महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, राजीव गांधी इंटरनेशनल स्टेडियम आदि → ‘रजत जयंती खेल परिसर’
• हल्द्वानी (गौलापार): इंदिरा गांधी स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर → ‘मानसखंड खेल परिसर’
• रुद्रपुर: मनोज सरकार स्टेडियम आदि → ‘शिवालिक खेल परिसर’
• हरिद्वार (रोशनाबाद): वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम आदि → ‘योगस्थली खेल परिसर’

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष श्री विकास नेगी ने तीखा हमला बोला और कहा:

“राज्य सरकार के लिए अब विकास का मतलब सिर्फ नाम बदलना रह गया है। सुविधाओं की हालत जस की तस है, लेकिन नाम बदलकर जनता को गुमराह किया जा रहा है।”

उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी:

“अगर सरकार ने जल्द से जल्द इन फैसलों को वापस नहीं लिया, तो उत्तराखंड कांग्रेस खेल मंत्री और मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रदेशव्यापी घेराव करेगी। यह सिर्फ नाम का सवाल नहीं, सम्मान का सवाल है। हम चुप नहीं बैठेंगे।”

श्री नेगी ने पूछा:
• क्या नाम बदलने से खिलाड़ियों को कोचिंग मिलेगी?
• क्या स्टेडियमों में अंतरराष्ट्रीय सुविधाएं आ जाएंगी?
• क्या बलिदान देने वालों की याद मिटाकर हम खुद को सशक्त कह पाएंगे?

उन्होंने आगे कहा:

“महाराणा प्रताप, राजीव गांधी, इंदिरा गांधी और वंदना कटारिया जैसे नाम मिटाना इतिहास, बलिदान और मेहनत का अपमान है।”

उत्तराखंड कांग्रेस सरकार से मांग करती है:
1. सभी नाम बदलने के फैसलों को तत्काल वापस लिया जाए।
2. खिलाड़ियों को संसाधन, सम्मान और सुविधा दी जाए।
3. खेल को राजनीतिक प्रयोगशाला बनाना बंद हो।

**“अगर नाम ही सब कुछ है, तो काम कौन करेगा?”

“घेराव होगा – सम्मान के लिए, खिलाड़ियों के लिए, विरासत के लिए!

“नाम बदलने से न इतिहास बदलता है, न मैदान में जीत मिलती है।

ज़रूरत है सोच बदलने की, सिर्फ बोर्ड नहीं!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *