अल्मोड़ा

1962 में चीन 1965 में पाकिस्तान के छक्के छुडाने वाले वीर योद्धा गंगा सिंह धोनी के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी

अल्मोड़ा। 1962 में चीन व 1965 में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले जांबाज गंगा सिंह धौनी का मंगलवार को निधन हो गया है। वह 80 वर्ष के थे। उनके निधन पर गांव समेत पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। बुधवार यानी कल टंकेश्वर चित्र शिला घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

ग्राम पंचायत ध्यूली धौनी, मल्ला सालम लमगडा निवासी गंगा सिंह धौनी भारतीय सेना से सुबेदार पद व बिहार पुलिस से इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत्ति थे। 1962 में भारत-चीन युद्ध के दौरान उनके एक पांव में गोली लग गयी थी। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने चीनी सैनिकों से डटकर मुकाबला किया। यही नहीं गंगा सिंह धौनी ने 1965 में भारत-पाक युद्ध भी लड़ा। उनकी बहादुरी के लिए सेना द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया।

भारतीय सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद गंगा सिंह धौनी ने बिहार पुलिस में अपनी सेवाएं दी। जहाँ से इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड हुए। जिसके बाद वह अपने परिवार के साथ अपने गांव ध्युली धौनी में ही रहते थे। मंगलवार को उन्होंने अपने आवास में अंतिम सांस ली। वह गांव के सबसे वरिष्ठ व्यक्ति थे। उनके निधन के बाद गांव समेत पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ पड़ी।स्व. धौनी की अंतिम यात्रा 25 मई यानी बुधवार सुबह 6 बजे उनके निवास स्थान ध्युली धौनी से टंकेश्वर चित्रशिला घाट के लिए निकलेगी।

उनके निधन पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविन्द सिंह कुंजवाल, राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व बलाक प्रमुख महेन्द्र सिंह मेर, यूथ कांग्रेस के प्रदेश सचिव देवेंद्र धौनी, लमगड़ा ब्लॉक अध्यक्ष दीवान सतवाल, चन्दन बोरा, प्रधान आन्नद धौनी, पूर्व प्रधान गोविन्द धौनी, न्याय पंचायत अध्यक्ष पान सिंह बोरा समेत कई लोगों ने शोक व्यक्त किया है।

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