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अपनी गढ़वळि बोली के सम्वर्धन की दिशा में लॉक डाउन पीरियड में लगभग 35 स्वरचित गाने बनाये व स्वयं गाएँ भी।

यमकेश्वर :-

                        शशिभूषण अमोली

अपनी गढवाली बोली के सम्वर्द्धन की दिशा में लॉक डाउन के दौरान करीबन 35 स्वरचित गीत की रचना व संगीतबध्य कर सुर में पिरोकर समय का सदुपयोग कर इस संगीत के पुजारी ने एक मिसाल पेश की। आज से उत्तराखंड केसरी श्री शशिभूषण अमोली जी की रचनाओं को रोज क्रमवार आपके सामने प्रस्तुत करेगा।
अमोली जी का परिचय मूल रूप से ग्राम अमोला यमकेश्वर निवासी एवं वर्तमान में यमकेश्वर विधानसभा के दुगड्डा ब्लॉक में गुरुरामराय इंटर कालेज पौखाल में प्रवक्ता के पद पर आशीन है। मृदु भाषी अमोली जी कॉलेज में छात्र छात्राओं व अपने सहयोगियों के बीच लोकप्रिय है। और अपनी संगीत कला को अपने विद्यार्थियों के साथ भी समय समय पर साझा करते रहते है। कॉलेज की सुबह की प्रार्थना संगीत के साथ लयबद्ध की जाती है। जिसका श्रेय श्री अमोली जी को जाता है। कोटद्वार में कोई राजनीतिक व धार्मिक सामाजिक कार्यक्रम हो उसमें अमोली जी को प्रोग्राम को संचालन के लिए आमंत्रित करते है। अमोली जी को बहुत संस्थाओं ने प्रशस्ति पत्रों से सम्मानित किया है।चार राष्ट्रीय सम्मान भी प्राप्त कर चुके है।

इनकी इस उपलब्धि व योगदान पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री धर्मपाल सिंह बिष्ट सहित क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व आम जनमानस ने अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की हैं

 

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