डबल मर्डर मिस्ट्री में मालकिन व नौकर की मौत सिर पर हुए हमले से हुई, हत्याओं की शक की सुई बंगले के अंदर ही घूम रही है।
देहरादून. राजधानी के प्रेमनगर इलाके के धौलास में उस समय सनसनी फैल गई, जब एक बुज़ुर्ग महिला और उसके नौकर की लाश मिली. एक चर्चित कोठी में रहने वाली 60 साल की महिला उन्नति और उनके 55 साल के नौकर राजकुमार थापा की हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत है.. इस डबल मर्डर से पूरे इलाके में सनसनी इसलिए भी है क्योंकि कुछ समय पहले इस कोठी में ऐसी कई वेब सीरीज़ की शूटिंग हुई, जो मर्डर मिस्ट्री या क्राइम से सबंधित थी।
प्रेमनगर के धौलास में बंगले की मालकिन व नौकर की मौत सिर पर हुए हमले से हुई थी। दोनों के सिर पर किसी भारी धारदार हथियार से वार किए गए हैं। महिला का गला भी दबाया गया था
इधर, 36 घंटे बाद भी हत्यारोपी का पता नहीं चल सका है। मामले की जांच के लिए तीन पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
धौलास में सुभाष शर्मा के बंगले में उनकी पत्नी उन्नति शर्मा व नौकर राजकुमार थापा की हत्या कर दी गई थी। दोनों के शव रसोई के पास मकान के बाहर पड़े मिले थे। इससे पहले सुभाष शर्मा ने उनकी गुमशुदगी की सूचना पुलिस को दी थी। पुलिस ने बुधवार को दोनों शवों को मोर्चरी में रखवाया था। बृहस्पतिवार को डॉक्टरों के पैनल ने दोनों शवों के पोस्टमार्टम किए।
पोस्टमार्टम में डॉक्टरों को करीब चार घंटे का समय लगा। एसपी सिटी सरिता डोभाल ने बताया कि दोनों के सिर के पिछले हिस्से में किसी भारी धारदार हथियार से हमला किया गया था। इससे उनके सिर पर दो-दो घाव हुए थे। इन्हीं घाव के कारण दोनों की मृत्यु होना बताया जा रहा है। इस बीच यह भी पता चला है कि उन्नति शर्मा का गला भी दबाया गया था, लेकिन मृत्यु गला दबाने से नहीं हुई।
हत्या एक व्यक्ति ने की या इसमें कोई और भी शामिल था। इन सब सवालों के जवाब अभी पुलिस को नहीं मिले हैं। हत्यारोपियों की तलाश के लिए जिले के तेज तर्रार दरोगाओं की तीन टीमें बनाई गई हैं। एसएसपी जन्मेजय खंडूरी ने बताया कि ग्रामीणों से भी जानकारी ली जा रही है। साथ ही महिला के पति से भी पूछताछ की जा रही है।
बंगले की मालकिन और नौकर की हत्या के बाद उठ रहे सवालों के जवाब चाहरदीवारी के अंदर ही खोजे जा रहे हैं। बृहस्पतिवार को भी दिनभर पुलिस बंगले में ही जांच पड़ताल करती रही। अभी तक की जांच में हत्या के कारण भी पुलिस की समझ में नहीं आ रहे हैं। ऐसे में किस पर शक किया जाए और किसे छोड़ा जाए, इसी पशोपेश के बीच पुलिस जांच को जैसे-तैसे आगे बढ़ा रही है।
हत्या करने क्या कोई बाहर से बंगले में आया? इसका जवाब भी बंगले में ही मिल रहा है। यहां अंदर से बड़ा ताला लगा था। सभी दीवारों के पीछे गहरी खाई है। ऐसे में किसी के इन पर चढ़कर अंदर दाखिल होने की संभावना ही नजर नहीं आ रही। लूट के लिए तो हत्या नहीं की गई। कारण साफ है कि दोनों शव कमरों में नहीं बल्कि अहाते में पड़े थे।
यदि कोई लुटेरा होता तो वह बंगले के अंदर जाता और सुभाष शर्मा को भी नुकसान पहुंचा सकता था। इस बंगले में दाखिल होने के लिए ज्यादातर रसोई के पास वाला दरवाजा ही इस्तेमाल होता है। इसी दरवाजे से चंद कदम की दूरी पर शवों को पॉलिथीन से ढककर डाला गया था।
ऐसे में सवाल यह भी उठ रहा है कि शर्मा एकाध बार तो उन्हें खोजने बाहर आएं होंगे। फिर उन्होंने इस दरवाजे का इस्तेमाल किया या नहीं। क्योंकि, यदि किया होता तो यहां से दोनों शव आसानी से देखे जा सकते थे। नहीं किया तो क्यों नहीं किया। इसके जवाब भी चाहरदीवारी में ही मिलेंगे। यही कारण है कि जांच के लिए पुलिस के भी कदम इस बंगले से बाहर नहीं पड़ रहे हैं।