गाजियाबाद हादसे में JE व ठेकेदार पर मुकदमा दर्ज नगर पालिका की इस गलती से 23 लोगो की हुई थी कल मौत।
गाजियाबाद के मुरादनगर में स्थित श्मशान घाट पर शनिवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद आरोप लगाया गया है कि गैलरी के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया था। इसकी शिकायत लोगों ने नगर पालिका और प्रशासन के अधिकारियों से की थी। यदि समय रहते पालिका और प्रशासन के अधिकारी कार्रवाई करते तो 23 लोगों की जान नहीं जाती। घटिया सामग्री का आरोप लगाकर पूर्व पालिकाध्यक्ष के पति ने निर्माण कार्य भी रोका था।
नगर पालिका परिषद ने बंबा मार्ग स्थित श्मशान घाट के जीर्णोद्धार के लिए 55 लाख रुपये में ठेका आठ महीने पहले छोड़ा था। श्मशान घाट परिसर में अंतिम संस्कार के लिए स्थान के अलावा मुख्य गेट पर पिलर पर गैलरी बनाने का काम होना था।
बताया जा रहा है कि जब ठेकेदार ने निर्माण कार्य शुरू किया तो स्थानीय लोगों ने घटिया निर्माण सामग्री लगाने का आरोप लगाया था।
अक्टूबर महीने में पिलर खड़े करके उन पर लेंटर डाला गया। कुछ समय पहले ही लेंटर से शटरिंग हटाई गई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि गैलरी 50 फीट लंबी और 23 फीट चौड़ी बनाई गई थी। लेंटर डालने के लिए जो पिलर बनाए गए तो उसका बेस कमजोर था। इस कारण रविवार सुबह से हो रही बारिश का पानी नींव में चला गया और पिलर गिर गए।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि यदि पालिका अधिकारी समय रहते घटिया निर्माण सामग्री लगाने की शिकायत पर ध्यान दे देते तो शायद यह हादसा नहीं होता। वहीं, नगर पालिका परिषद मुरादनगर के अधिशासी अधिकारी निहारिका चौहान ने कहा कि लेंटर कैसे गिरा, इसकी जांच कराई जा रही है। जांच के बाद ही कुछ स्पष्ट होगा।
छह महीने पहले रोक दिया था निर्माण कार्य
नगर पालिका परिषद ने 14वें वित्त आयोग द्वारा विकास कार्य के लिए जारी की गई राशि से यह टेंडर छोड़ा था। प्रक्रिया के तहत 55 लाख रुपये में टेंडर गाजियाबाद निवासी एक ठेकेदार ने लिया था। पूर्व पालिकाध्यक्षा रेखा अरोड़ा के पति राधेकिशन अरोड़ा ने छह महीने पूर्व घटिया सामग्री लगाने का आरोप लगाते हुए निर्माण रोक दिया था। इसके अलावा सभासद बिंदू त्यागी ने दीवार में पीली ईंट लगाने की बात कही थी।