विडंबनाः टिहरी विकलांग विधवा मां की कोई सुनने वाला नही प्रशासन की अनदेखी की शिकार, दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर…
टिहरीः अनहोनी- समय कब किसका खराब आ जाए कुछ कहा नहीं जा सकता है जिसका जीता जागता उदाहरण अनुसूचित जाति की 40 वर्षीय विकलांग महिला विमला देवी का है। पति गिरधारी लाल मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण कर ही रहा था। मगर ना जाने इस परिवार को किस मनहूस का साया पड़ गया। जिससे कि गिरधारी लाल 1 महीने तक बीमार रहने के बाद उनकी मृत्यु हो गई।
2 महीने पूर्व पति के मरने के बाद विकलांग विमला देवी को अपने बालक की पाल परविश की चिंता सताने लग गई है। घर की माली हालत इतनी खराब हो गई है कि खाने पीने के सामान को लेकर दाने-दाने को मोहताज हो गई है। हाथ पैर से विकलांग के साथ ही बोलने चलने में भी असमर्थ मां अपने 14 वर्षीय बालक की पाल परविश करने में बड़ी लाचार दिख रही है। सरकारी सिस्टम व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी की भुक्तभोगी विधवा महिला का सरकारी ऑफिसों के कई चक्कर लगाने के बावजूद आज तक विकलांग प्रमाण पत्र तक नसीब नहीं हो पाया है।
आपको बताते चलें कि विकासखंड भिलंगना के ग्राम पंचायत थाती बूढ़ाकेदार के आकाश ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि दुखों का पहाड़ ऐसे मुसीबत बनकर टूटेगा। सुबह होते ही बच्चों के साथ बचपन की मौज मस्ती में व्यस्त रहने वाला 14 वर्षीय आकाश घर की माली हालत देखकर विगत 2 महीनों से मायूस होकर घर बैठा हुआ है।