उप चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें ‘‘गद्दार” कहे जाने को लेकर पूछे जाने पर ज्योतिरादित्य सिंंधिया बोले, कमलनाथ और दिग्विजय मध्य प्रदेश के ‘सबसे बड़े गद्दार’
उप चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें ‘‘गद्दार” कहे जाने को लेकर पूछे जाने पर ज्योतिरादित्य सिंंधिया बोले, कमलनाथ और दिग्विजय मध्य प्रदेश के ‘सबसे बड़े गद्दार’
भारतीय जनता पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मध्य प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को राज्य का ‘‘सबसे बड़ा गद्दार” करार दिया और कहा कि उन्होंने ‘‘भ्रष्ट” सरकार चलाकर वोटरों के साथ विश्वासघात किया.
सिंधिया ने सोमवार को कहा कि जब उन्होंने, आम लोगों की आवाज पार्टी के हर स्तर पर उठाई और समाधान नहीं निकाला गया तो वे कांग्रेस छोड़ने को मजबूर हो गए. सिंधिया ने विश्वास जताया कि तीन नवम्बर को राज्य की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी पूरी नहीं तो अधिकांश सीटें जरूर जीतेगी.
एक इंटरव्यू में सिंधिया ने कहा कि जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें से 27 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था. इसलिए बीजेपीका हर हाल में फायदा ही होगा. नुकसान सिर्फ कांग्रेस का होना है. इन 28 सीटों पर उपचुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि सिंधिया समर्थक 22 कांग्रेस विधायकों ने इसी साल मार्च में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इस घटनाक्रम के बाद कमलनाथ की 15 महीने पुरानी सरकार अल्पमत में आ गई थी और बाद में सत्ता से उसकी विदाई हो गई. तीन और कांग्रेस विधायकों ने बाद में पार्टी से इस्तीफा दे दिया था जबकि तीन सीटें मौजूदा विधायकों के निधन से खाली हुई हैं. सिंधिया ने कहा, ‘‘कांग्रेस यदि सरकार बनाने की कल्पना भी करती है तो उसे सभी 28 की 28 सीटों पर उपचुनाव जीतना होगा. अभी हाल ही में उन्होंने अपना एक और विधायक गंवाया है. उसके विधायक राहुल लोधी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. स्पष्ट है कि लोगों को कांग्रेस में कोई विश्वास नहीं रह गया है. न सिर्फ जमीनी स्तर पर बल्कि इसके मौजूदा विधायकों का भी अब कांग्रेस से भरोसा उठ गया है.”बीजेपी में शामिल होने के बाद राज्यसभा के निर्वाचित हुए सिंधिया ने कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि किसी राज्य में एक साथ इतनी बड़ी संख्या में, लगभग 30 प्रतिशत, एक साथ पार्टी छोड़ गए हों. यह राज्य के नेतृत्व, जिसकी कमान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के हाथों में है, के प्रति विश्वास व आस्था के अभाव को दर्शाता है.”
उपचुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस नेताओं द्वारा उन्हें ‘‘गद्दार” कहे जाने को लेकर पूछे जाने पर सिंधिया ने कहा कि वह राजनीति में ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से अमूमन परहेज करते है क्योंकि उनका मानना है कि राजनीति में एक सीमा होनी चाहिए और उसका अनुपालन होना चाहिए.उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे वास्तव में ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं तो मध्य प्रदेश में सबसे बड़े गद्दार कमलनाथ और दिग्विजय सिंह हैं. वे मध्य प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता के गद्दार हैं क्योंकि कोई भी चुनावी वादा पूरा नहीं किया गया. निजी फायदे की गतिविधियों में वे संलिप्त रहें और उन्होंने लोगों की सेवा करने की बजाय सत्ता और कुर्सी को ज्यादा तरजीह दी.” कमलनाथ द्वारा बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी को ‘‘आइटम” कहे जाने पर सिंधिया ने उन्हें आड़े हाथों लिया और कहा कि सार्वजनिक जीवन में काम कर रहे लोगों को मूल्यों और मयार्दाओं का पालन करना चाहिए और समाज में उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह महाभारत के अर्जुन की तरह दुविधा में नहीं हैं क्योंकि जिनके साथ उन्होंने काम किया और लड़ाइयां लड़ी आज वह उन्हीं के खिलाफ बोल रहे है, इसके जवाब में सिंधिया ने कहा कि वह मध्य प्रदेश की जनता के हित में यह लड़ाई लड़ रहे हैं.सिंधिया ने कहा कि उनके पिता माधवराव सिंधिया, दादी विजयाराजे सिंधिया और खुद उन्होंने लोगों के कल्याण के लिए राजनीति की राह पकड़ी.उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए राजनीतिक दल जन कल्याण के उस लक्ष्य तक पहुंचने का एक माध्यम है. इसलिए मेरे लिए राजनीति महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण जन सेवा का लक्ष्य है.”उन्होंने कहा कि लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए जो भी जरूरत होगी, वह करेंगे. ‘‘चाहे जिनके साथ 20 से ज्यादा साल तक काम किया, उनसे लड़ना अपरिहार्य है तो वह भी सही.” सिंधिया ने कहा कि कमलनाथ की सरकार जिस तरीके से काम कर रही थी, उसे बदलने की उन्होंने कोशिशें की. ‘‘मैंने हरसंभव प्रयास किया, जब स्थितियां नहीं बदली तो मेरे पास और कोई विकल्प नहीं था.”उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस मध्य प्रदेश की सत्ता में आई तो लोगों की बहुत सारी आकांक्षाएं थी और उन्हें पूरी करने की जिम्मेदारी कमलनाथ के कंधों पर थी लेकिन उन्होंने 15 महीने एक ‘‘भ्रष्ट सरकार” चलाई.