जंगलों में नेटवर्क ढूंढ भविष्य संवारने को मजबूर मोल्टा के नौनिहाल – संजय कुंवर जोशीमठ
सीमांत प्रखण्ड जोशीमठ के सबसे सुदूरवर्ती गाँव मोल्टा में संचार सुविधा ठप होने से यहाँ के नौनिहालों को ऑनलाईन पढ़ाई लिखाई सहित मासिक परीक्षा देने में भारी दिक्कतें हो रही है।डिजिटल इंडिया के युग में आज भी मोल्टा गाँव के स्कूली बच्चे हर दिन गाँव से 3 किलोमीटर दूर बीहड़ जंगलों में नेटवर्क क्षेत्र ढूंढ कर जंगलो में खुले में बैठ कर अपनी ऑनलाइन गृह कार्य और मासिक टेस्ट पेपर देने को मजबूर हैं। आप इन तस्वीरों में देख खुद अंदाजा लगा सकते हैं कि यहाँ आखिर विकास की किरण कब तक पहुुंचेगी। सरकार चाहे लाख दावे करे लेकिन आज के समय की जरूरी सुविधा संचार व्यवस्था यहाँ नही है तो ग्रामीण किसे आवाज दें। क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और राजनैतिक दलों के सुरमाओं को मोल्टा गाँव की याद सिर्फ हर पांच साल के चुनावों में ही आती है बाकी यहाँ की सुध लेने वाला कोई नहीं है।तो ऐसे में केसे होगा मेरा पहाड़ डिजीटल ?