आयशर के वैज्ञानिक की हत्या का आरोपी मोंटी गिरफ्तार
डॉ. स्वर्णकार को 2017 में नोबेल पुरस्कार विजेताओं से मिलने के लिए चुना गया था.
उनका शोध हाल ही में जर्नल ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ था.
39 वर्षीय डॉ. स्वर्णकार हाल ही में स्विटजरलैंड से भारत लौटे थे
IISER में प्रोजेक्ट साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत थे.
पड़ोसी मोंटी ने पार्किंग विवाद में डॉ. स्वर्णकार को पीटा.
आयशर के वैज्ञानिक की हत्या का आरोपी मोंटी गिरफ्तार
पुलिस ने सूचना के आधार पर वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार की हत्या के आरोप में मनिंदरपाल सिंह उर्फ मोंटी को गिरफ्तार कर लिया है। डीएसपी सिटी-2 हरसिमरन सिंह बल ने बताया कि मोंटी को थाना फेज-11 पुलिस की टीम ने गिरफ्तार किया है। मोंटी को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया जाएगा।
इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आईआईएसईआर) के वैज्ञानिक अभिषेक स्वर्णकार देश के लिए किफायती ढंग से सेमीकंडक्टर बनाने पर रिसर्च कर रहे थे। इस विषय पर उनका एक पेपर उसी दिन स्वीकार किया गया था, जिस दिन उनकी मौत हुई थी।
उनकी मौत की खबर से न सिर्फ आयशर में उनका डिपार्टमेंट सन्न है बल्कि अब आयशर भी चाहता है कि वैज्ञानिकों की सुरक्षा का पुख्ता प्रबंध किया जाए। डॉ. अभिषेक के गाइड उज्ज्वल गौतम ने बताया कि डॉ. अभिषेक एक प्रतिभाशाली वैज्ञानिक थे।
पांच से छह रिसर्च पेपर्स में उनका योगदान था। उन्होंने कहा कि अभिषेक तो बेहद सीधे सादे और गंभीर व्यक्तित्व वाले थे। उनका ध्यान सिर्फ अपनी स्टडी पर ही रहता था। आयशर के डायरेक्टर डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि डॉ. अभिषेक ने काफी ज्यादा रिसर्च वर्क पर अपना ध्यान केंद्रित किया हुआ था। उन्होंने कहा कि हमेशा अभिषेक का ध्यान स्टडी की ओर ही रहता था। आयशर के स्टूडेंट्स को उनकी कमी काफी खल रही है।
अब कर रहे थे पोस्ट पीएचडी
डॉ. अभिषेक ने पीएचडी तो पहले ही कर ली थी। वह पोस्ट पीएचडी करने में जुटे थे। उनका विषय सेमीकंडक्टर था। जिसका एक रिसर्च पेपर उसी दिन सबमिट हुआ, जिस दिन उनकी मौत हुई थी। वह वर्ष 2017 में लिंडाऊ नोबल लारेट मीटिंग में भी प्रतिभागी थे। इस मीटिंग की प्रतिभागी डायरेक्टरी में उनके बारे में लिखा गया है।
यह थे अभिषेक के विषय
डॉ. अभिषेक के विषय में सिंथेसिस, नैनोफैब्रिकेशन, सोलर सेल्स, एलईडी, एक्सरे डिफ्रेक्शन, इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोपी, कैलोरीमेट्री, थर्मल एनालिसिस, क्वांटम डाट्स, थिन फिल्मस आदि शामिल रहे थे।
पन्ना खोलते ही रो पड़ीं बड़ी बहन
वैज्ञानिक अभिषेक के सेक्टर-66 स्थित घर में उनकी पीएचडी की थीसिस को जब खोला गया तो उसमें भीतर पढ़ने पर पता चला कि यह थीसिस उन्होंने अपनी बड़ी बहन को समर्पित की थी। शनिवार को जैसे ही यह पन्ना खोला गया तो उनकी बहन फूट फूटकर रोने लगीं।
बल ने बताया कि मृतक अभिषेक के पिता सेक्टर-66 निवासी बासुकी नाथ स्वर्णकार ने पुलिस को दिए अपने बयान में बताया था कि उनके पड़ोस में रहने वाले मोंटी ने उनके घर के पास गाड़ी पार्क करने को लेकर उनके बेटे अभिषेक पर जानलेवा हमला किया।
इसमें उनके बेटे की मौत हो गई थी। शिकायतकर्ता के अनुसार यह विवाद पिछले एक सप्ताह से चल रहा था। मोंटी उसके बेटे को धमका रहा था। प्रत्यक्षदर्शी के अनुसार इस हमले में वह भी घायल हो गया। उनका बेटा अभिषेक ही उनका एकमात्र सहारा था और वह कई देशों में वैज्ञानिक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुका था।
वर्तमान में मोहाली में आईआईएसईआर में कार्यरत था। मृतक के पिता ने पुलिस को घटना की सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध कराई थी। इसके बाद पुलिस ने पाया कि मोंटी और अभिषेक के बीच मोटरसाइकिल पार्क करने को लेकर बहस हुई
हमने ब्रिलियंट मा खोया…: पार्किंग विवाद हुई साइंटिस्ट की मौत पर IISER का बयान
39 साल के अभिषेक स्वर्णकार मोहाली के भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान में काम करते थे. वह मोहाली के सेक्टर 67 में किराए के घर में रहते थे. वहीं पर यह पार्किंग विवाद हुआ. देखते ही देखते मामला काफी बढ़ गया और उनकी मौत हो गई.
IISER ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की
मोहाली में पार्किंग विवाद को लेकर पड़ोसी द्वारा कथित तौर पर धक्का दिए जाने से भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (आईआईएसईआर) के एक साइंटिस्ट की जान चली गई. IISER यानि भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान ने साइंटिस्ट डॉ. अभिषेक स्वर्णकार की मौत पर दुख जताया है. एक बयान में, IISER ने कहा कि उन्होंने एक प्रतिभाशाली को खो दिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है.
हमने प्रतिभाशाली साइंटिस्ट को खोया…
समाचार एजेंसी आईएएनएस के हवाले से कहा गया, “हमने एक प्रतिभाशाली दिमाग खो दिया है. हिंसा का ऐसा कृत्य अस्वीकार्य है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.” बयान में यह भी जिक्र किया गया है कि डॉ. स्वर्णकार को 2017 में नोबेल पुरस्कार विजेताओं से मिलने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा चुना गया था. इसमें कहा गया है कि उनका रिसर्च पेपर हाल ही में प्रतिष्ठित जर्नल ऑफ साइंस में प्रकाशित हुआ था.
मोहाली में पार्किंग विवाद के दौरान साइंटिस्ट और आरोपी इंजीनियर के बीच बहस के बाद मारपीट हुई। इसमें साइंटिस्ट (लाल घेरे में) की मौत हो गई।
मोहाली में पार्किंग विवाद के दौरान साइंटिस्ट और आरोपी इंजीनियर के बीच बहस के बाद मारपीट हुई। इसमें साइंटिस्ट (लाल घेरे में) की मौत हो गई।
पंजाब के मोहाली में पार्किंग को लेकर हुए विवाद में साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार (39) की मौत हो गई। वह मोहाली के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) में तैनात थे। पड़ोसी से उनका बाइक खड़ी करने को लेकर झगड़ा हुआ था, जिससे पड़ोसी ने उनके साथ हाथापाई कर मुक्के मारे।
कुछ समय पहले उनकी किडनी ट्रांसप्लांट हुई थी, जिसका डायलिसिस चल रहा था। ताजा विवाद में हुई हाथापाई से उन्हें गंभीर चोटें आईं। हालांकि, तबीयत बिगड़ती देख आरोपी पड़ोसी ही अपनी कार से उन्हें अस्पताल ले गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।
बीमारी के बारे में पता था, फिर भी लड़ा पड़ोसी साइंटिस्ट के मामा के लड़के इशान बर्मन ने पुलिस को बताया है कि साइंटिस्ट अभिषेक स्वर्णकार मूल रूप से झारखंड में धनबाद के राजागढ़ कतरारा के रहने वाले थे। वह मौजूदा समय में मोहाली के सेक्टर-67 में रह रहे थे। उन्होंने अपने माता-पिता के साथ किराए का अपार्टमेंट ले रखा था।
मंगलवार रात करीब साढ़े 8 बजे जब वह अपनी बाइक घर के बाहर पार्क कर रहे थे, इस दौरान पड़ोसी मोंटी से उनकी बहस हो गई। साइंटिस्ट बीमार रहते थे, इस बारे में सभी लोगों को पता था। इसके बाद भी आरोपी पड़ोसी ने पहले उनके साथ गाली-गलौज की।
पेट में मुक्के मारने से तबीयत बिगड़ी इसके बाद आरोपी तेजी से आया और धक्कामुक्की कर डाली। परिवार का आरोप है कि पेट में मुक्के मारने से अभिषेक को गंभीर चोटें आईं, जिससे अभिषेक गली में गिर गया। इसके बाद वह उठ नहीं पाया। माता-पिता ने उसे उठाने की कोशिश की।बब7हब
फिर आरोपी अपनी गाड़ी में उसे फोर्टिस अस्पताल में ले गए। वहां से मोहाली के फेज-11 थाने के SHO गगनदीप सिंह को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस ने मोंटी के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया।
प्रत्यक्षदर्शी महिला बोली- छाती पर पंच मारे प्रत्यक्षदर्शी महिला रोमा ने बताया है कि मंगलवार शाम को वह घर में थीं। इस दौरान बाहर जोरदार शोर मचा हुआ था। जब वह बाहर आई तो देखा कि पड़ोसी का बेटा मोंटी साइंटिस्ट अभिषेक से झगड़ रहा है। पहले उसने बड़ी तेजी से साइंटिस्ट को धक्कामुक्की कर नीचे गिरा दिया। इसके बाद उसके सीने पर पंच मारे।
रोमा ने बताया- इसके बाद जब साइंटिस्ट की तबीयत बिगड़ी तो उन्हें (मोंटी को) लगा कि वह फंस जाएंगे। इसके बाद वह अपनी थार कार में साइंटिस्ट को लेकर अस्पताल पहुंचे। जब वह अपनी थार को वहां से निकाल रहे थे, तो उन्होंने हमारी कार को हिट कर दिया।
मुझे पता चला है कि कार में भी आरोपियों ने साइंटिस्ट के परिवार के साथ गलत व्यवहार किया है। कुछ समय बाद हमें न्यूज आई कि साइंटिस्ट की डेथ हो गई है। हमने अपने कैमरों की रिकॉर्डिंग मकान मालिक को भेज दी है।
किस बात पर हुए झगड़े में हुई साइंटिस्ट की मौत
इस घटना की सीसीटीवी फुटेज में आरोपी समेत कुछ निवासी साइंटिस्ट की बाइक के पास खड़े दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद डॉ. स्वर्णकार को अपनी बाइक की ओर बढ़ते और बाइक हटाने लगते हुए देखा जा सकता है, तभी उनके और वहां मौजूद लोगों के बीच बहस होने लगती है. कुछ सेकंड बाद, मोंटी को डॉ. स्वर्णकार को जमीन पर धकेलते और पीटते हुए देखा जा सकता है. इसके बाद साइंटिस्ट की फैमिली परिवार ने बीच-बचाव किया और मोंटी को वहां से खींच लिया. आरोपी ही पीड़ित को अस्पताल ले गया।
साइंटिस्ट की मां ने बताया उस दिन क्या कुछ हुआ
डॉ. स्वर्णकार की मां मालती देवी ने दर्दनाक घटना बताते हुए कहा, “वे हमें अक्सर परेशान करते थे, यहां पार्क मत करो, वहां पार्क मत करो. वह (अभिषेक) उस रात आईआईएसईआर से लौटा और अपनी बाइक पार्क कर दी. उन्होंने उससे बाइक हटाने को कहा और इस पर बहस हुई. वे चिल्लाए, ‘हम बाइक उड़ा देंगे’. मैंने उनसे कहा, ‘यह आपके सामने है, इसे उड़ा दो’, मेरा बेटा भड़क गया. मेरे पति नीचे थे और उनसे बात कर रहे थे. मेरा बेटा नीचे चला गया. उसने अपनी बाइक हटाई ताकि उन्हें दिखाया जा सके कि अगर वह वहां पार्क करेगा जहां वे उसे पार्क करना चाहते हैं तो उसे वहां से निकालना कितना मुश्किल है।