परिवार पर टूटा दुःखो का पहाड़, माँ की चिता ठंडी भी नही हो पाई थी बेटे की भी हुई मौत, गॉव में मातम का माहौल
पवन राजपूत
लाल ढांग, हरिद्वार स्थित गांव निवासी मां बेटे ने कभी सोचा भी नहीं होगा की दोनों एक साथ इस दुनिया से अलविदा हो,जाएंगे मां बेटे की एक ही दिन मौत से गांव में मातम छाया हुआ है, मां बेटे की चिंताएं जलती देख ग्रामीणों की आंखें नम हो गई ,दर असल कुछ दिन पहले चमरिया गांव निवासी एक परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया, यहां रहने वाले व्यापार मंडल के सचिव 42 वर्षीय दिनेश चंद्र डोबरियाल कुछ दिन पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे
हरिद्वार एक किसी एक निजी हॉस्पिटल में 17 दिन से उपचार चल रहा था कि इसी बीच उनकी 80 वर्षीय माता धर्मा देवी को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होने पर एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया दोनो का उपचार चल ही रहा था की बुधवार को अचानक धर्मा देवी की तबियत बिगड़ गई और उपचार के दौरान उनको मौत हो गई चंडी घाट पुल के नीचे बने श्मशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार चल ही रहा था कि इसी बीच उनके बेटे की भी अस्पताल में मौत हो गई । अंतिम संस्कार कर रहे परिजनों के पास जब दिनेश चंद्र डोबरियाल के निधन की सूचना आई तो परिजन ओर गॉव वाले श्मशान घाट से निकलकर हॉस्पिटल पहुंचे और फिर बेटे दिनेश चंद्र डोबरियाल के शव को भी चंडीघाट स्थित श्मशान घाट पर लाया गया माँ की चिता अभी पूरी तरह से जली भी नही थी कि बेटे की चिता को भी मुखाग्नि दी गई। माँ बेटे की मौत से परिवार पर दुःखों का पहाड़ टूट पड़ा है। गॉव में भी शोक की लहर दौड़ गई है