*थाना स्तर पर ही नब्बे प्रतिशत पुलिसिंग होनी चाहिए बेहतर:आईजी एल ओ* *(अर्जुन सिंह भंडारी)*
देहरादून-: राजधानी देहरादून में बढ़ते अपराधों पर नियंत्रण रखने, आम जनता को उचित न्याय दिलाने व पुलिस अधिकारियों द्वारा आपराधिक मामलों पर जांच के दौरान पुलिसिंग के अंतर्गत किये जा रहे कार्यों में सुधार को लेकर पुलिस महानिरीक्षक अपराध व कानून व्यवस्था वी0मुरुगेशन द्वारा आज राजधानी देहरादून स्थित पुलिस कार्यालय सभागार में सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की।
बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि उन सभी की प्राथमिकता पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग की होनी चाहिए जहां उनका प्रयास हर हाल में पीड़ितों को न्याय दिलाने की होना चाहिए।उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों से उनकी पुलिसिंग में सुधार लाना आवश्यक बताया। जिसके लिए बैठक में मौजूद अन्य अधिकारियों को उन्होंने उनके अधीनस्थ तैनात पुलिस अधिकारियो व कर्मियों द्वारा किसी भी प्रकार से उनकी शक्तियों का गलत उपयोग करने को उनपर दृष्टि रखने को निर्देशित किया।
उन्होंने बैठक में मौजूद सभी क्षेत्राधिकारियों को उनके क्षेत्रों में दर्ज होने वाले आपराधिक मामलों में पुलिस कर्मी का किरदार अहम होने के चलते मामले की जांच कर रहे विवेचना अधिकारी व उपनिरीक्षकों की जिम्मेदारी व जवाबदारी को तय करने को निर्देशित किया जिसकी जांच भी उनके द्वारा निश्चित तौर पर करना निर्धारित किया जिसके साथ ही सभी क्षेत्राधिकारियों को भी उनके क्षेत्र में दर्ज हुए हर आपराधिक मामलों से जुड़े प्रार्थना पत्र व दस्तावेजों की स्वयं से गहनता से जांच करना व उनके संबंध में जांच अधिकारियों से उस विषय मे जनकारी इकत्रित करते रहनी है व कमी दिखने पर उसे ठीक करना है।उन्होने सभी क्षेत्राधिकारियों को इस दौरान जांच डायरियां बनाने का मतलब जांच अधिकारी में मात्र कमी निकालने को प्राथमिकता देने के बजाय सीडी का अवलोकन गुणवत्तापरख विवेचना बढाने के उद्देश्य से किया जाये। इनके साथ ही उनके द्वारा अपने अधीनस्थ नियुक्त उप निरीक्षकों के कार्यों का परीक्षण करते रहने व उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाने को लगातार उन्हें मार्गदर्शन देने को कहा।
उनके द्वारा सभी अधिकारियों से जनपद में घटित होने वाले संगीन आपराधिक मामलों मे विशेष सतर्कता बरतने को निर्देश देते हुए कहा कि इन मामलों की परीक्षण की विवेचना के दौरान विवेचक को केस डायरी को नियमित रूप से अपडेट करते हुए चलना अनिवार्य होना चाहिए जिससे न्यायालय के समक्ष पेश होने पर विवेचक द्वारा की गई चूक का फायदा अभियुक्त उठा ले।उन्होंने अभी क्षेत्राधिकारियों को उनके क्षेत्र में थाना स्तर पर ही 90 प्रतिशत अच्छी पुलिसिंग करने को प्रयास करने को कहा जिसके लिए प्रत्येक थाना अधिकारी व कर्मी को प्रयास करने होंगे तथा किसी भी मामले में सच के साथ रहते हुए जो सही हो वही कार्यवाही अमल में लाये जाने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए।