दिल्ली/यमकेश्वर:दिल्ली के अनेको समाजिक साहित्यिक मंचो पर अपनी अग्रणी भूमिका निभाते हुए, या फिर कोरोना कि इस महामारी में कोरोना योद्धा बनकर लोगों की मदद करने में आगे रहने वाले, हमेशा मुस्कान चेहरे पर रखकर, गण शिक्षक के रूप में राष्ट्रीय स्वयं सेवक के तौर पर अपना फर्ज निभाने वाले इस शख्स को दिल्ली के उन तमाम उत्तराखंडी प्रवासियों के बीच देखा जाता है। अक्सर मंच पर अपनी मुस्कान से लोगों को उत्साहित करने वाले यह इंसान आपको कुछ नया करने की प्रेरणा देते हुए मिलेगा।
उमाशंकर कपरवाण मूल निवासी आमड़ी यमकेश्वर पौड़ी के है, आपका जन्म राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में 03 मार्च 1968 में हुआ, बीकॉम करके आप रोजगार की तलाश करते हुए 1987 में दिल्ली आ गए। 1991 से 2004 तक आपने अपनी एडवरटाइज़िंग एजेंसी का व्यवसाय किया और 2004 से अब वह दिल्ली महानगर में खुद का व्यवसाय कर रहे हैं ।
आपको बचपन से लेखन और रंगमंच का बड़ा शौक रहा, इसी शौक के चलते आपने युवावस्था में हनुमान गढ़ की प्रसिद्ध रामलीला मे 1982 से 1987 तक लक्ष्मण का किरदार बखूबी निभाया।
दिल्ली में अपने स्वभाव और शौक के चलते आपने शुरू से ही अनेको सामाजिक संगठनों में कार्य किया, आपकी इस कर्तव्यनिष्ठा को देखते हुए आपको विभिन्न संगठनों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी, जिसे आपने बखूभी निभाया।
आपने विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों में अध्यक्ष के बतौर अपने कार्यकाल को निभा रहे हैं,जिंसमे दिल्ली के उत्तराखंड प्रवासी संगठन, मालवीय नगर दिल्ली, देवभूमि महासभा दिल्ली प्रदेश,(रज़ि0) देवभूमि ब्राह्मण महासभा दिल्ली प्रदेश, (रज़ि0) इसके साथ ही आप उदयपुर मंडल गढवाल (रज़ि0), दिल्ली, यूनाइटेड फेडरेशन ऑफ R.W.A.खिड़की विस्तार, मालवीय नगर, (रज़ि0)दिल्ली में उपाध्यक्ष के पद पर सुशोभित कर रहे है। इसी के साथ ही आपको भारतीय सहयोग समिति का राष्ट्रीय सेवा समिति (रज़ि0) और उत्तराखंड विद्वत परिषद नई दिल्ली के उपाध्यक्ष है।
यही नही बल्कि आपकी सामाजिक जिम्मेदारी पूर्ण नही हुई, आपके द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन करने के लिये राष्ट्रीय एकता मिशन (रज़ि0) के महासचिव भी हैं। आपको राष्ट्रीय स्वयं सेवक भीम शाखा मालवीय नगर दिल्ली के गण शिक्षक की जिम्मेदारी भी सौंपी गई। वंही आपको भारतीय जनता पार्टी ने सह संयोजक उत्तराखंड प्रवासी प्रकोष्ठ उत्तराखंड भाजपा, नई दिल्ली की जिम्मेदारी भी दी गयी है।
इसके अतिरिक्त आप बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्ति है, आप समाजसेवी के साथ साथ कुशल रंगमंच कलाकार, पेंटर, कवि, लेखक भी हैं, दिल्ली में होने वाले सभी साहित्यिक गतिविधियों में आपके द्वारा बढ़चढ़कर भाग ही नही लिया जाता है, बल्कि प्रत्येक उत्तराखंड एवं प्रवासी उत्तराखंड एवं अन्य जगह के सभी कवि , लेखक, कलाकार को प्रोत्साहन के साथ उसे आगे बढ़ाने के लिए मंच भी दिया जाता है, अनेको लेखकों और कलाकारो को आपने दिल्ली में मंच उपलब्ध कराकर उनकी पहचान में चार चांद लगाए हैं, आज भी आप अपने सामाजिक सेवा में उसी भाव से नर सेवा नारायण सेवा की तर्ज पर अपने दायित्वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन कर रहे है। आपके सामाजिक कार्य हेतु अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार व अपराध नियंत्रण संगठन (रजि.) द्वारा उत्तराखंड रत्न श्री सम्मान से नवाजा गया।