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*लोगो को आत्मनिर्भर बनाने की तर्ज पर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनिया* *अर्जुन सिंह भंडारी*

*लोगो को आत्मनिर्भर बनाने की तर्ज पर ऑनलाइन शॉपिंग कंपनिया*
*अर्जुन सिंह भंडारी*

अर्जुन भंडारी क्राइम रिपोर्टर
अर्जुन सिंह भंडारी वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर

 

ऑनलाइन शॉपिंग ऐप लगभग हर किसी के स्मार्ट फोन का हिस्सा बन चुकी है। जब भी कुछ खरीदारी का मन हुआ तो बिना बाहर निकले घर बैठे बैठे सामान घर पहुंच जाना किसको अच्छा नहीं लगता। और कोरोना महामारी के दौरान शॉपिंग के शौकीनों के लिए तो यह वरदान साबित हुआ। लेकिन अभी तक हम जो भी ऑनलाइन खरीदारी करते थे क्या हमे ये पता लगता था की ये सामान कहा से बना है? कौन से देश का है? बस फोन में देखा और ऑर्डर कर लिया।

भारत और चीन के बीच लगातार बढ़ रही तनातनी को देखते हुए, सरकार के आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को अपनाते हुए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके चलते बड़ी बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनिया जैसे की फ्लिपकार्ट, अमेजॉन आदि को अब बताना होगा की कोनसा सामान चाइनीज है।
चाइनीज सामान के मार्केट ने पूरी दुनिया भर में अपने सस्ते सामानों की बिक्री का जाल फैला रखा है। एक सुई से लेकर टीवी, फ्रिज तक का सामान अब चीन लॉन्च कर रहा है। और इंटरनेशनल मार्केट में केवल चीन के सामानों की ही धूमधाम है। दीपावली के दियो से लेकर क्रिसमस की क्रिसमस ट्री तक चाइनीज होती है। और तो और घर में वास्तु दोष और बरकत के लिए भगवान भी अब चीन की ही देन है। लेकिन इन सब के बीच चीन के समान का बहिष्कार करने के लिए और लोगो को जागरूक बनाने के लिए की कौन सा सामान चाइनीज है और कोनसा नहीं। सरकार ने यह कदम उठाया। ताकि ग्राहक खुद ही तुलना कर ले की कौन सा सामान चाइनीज है और कौनसा सामान उन्हें खरीदना है। ग्राहक ज़्यादा से ज़्यादा स्वदेशी वस्तुओं को अपनाए ताकि आत्मनिर्भर भारत का सपना केवल सपना ही ना रहे बल्कि हकीकत बन जाएं।

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