(आदेश) – पूर्व निदेशक के पेंशन से वसूला जाय वेतन।।
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देखें, बिना शासन अनुमति के अधिकारी ने जारी किये थे आदेश
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शासन ने दी कार्रवाई के निर्देश, विभागाध्यक्ष की सेवा अवधि को नहीं माना जाएगा वैध
देहरादून। उत्तराखण्ड प्राविधिक शिक्षा विभाग में शासनादेश की अनदेखी और नियमों के उल्लंघन का मामला सामने आया है।
शासन ने तत्कालीन निदेशक, प्राविधिक शिक्षा आर.पी. गुप्ता पर पद का दुरुपयोग करते हुए नियमविरुद्ध आदेश जारी करने का दोषी मानते हुए उनकी पेंशन से वेतन वसूली के निर्देश दिए हैं।
शासन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2021 में सुनील कुमार, व्याख्याता (कंप्यूटर साइंस), राजकीय पॉलीटेक्निक जाखणीधार (टिहरी गढ़वाल) को सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विशेषज्ञता के दृष्टिगत वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, देहरादून में कार्य करने की अनुमति शासन द्वारा दी गई थी।
बाद में, 5 मार्च 2024 को उन्हें विभागाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत करते हुए मूल संस्थान – राजकीय पॉलिटेक्निक बछेलीखाल, टिहरी में तैनाती दी गई। परंतु 7 मार्च 2024 को तत्कालीन निदेशक आर.पी. गुप्ता ने शासन की अनुमति के बिना अपने स्तर से आदेश जारी करते हुए कुमार को दोबारा विश्वविद्यालय भेज दिया, जिससे वह 12 मार्च 2024 को वहां योगदान भी कर चुके थे।
शासन का कहना है कि गुप्ता द्वारा बिना अधिकृत स्वीकृति के आदेश जारी करना उत्तराखण्ड सरकारी सेवक आचरण नियमावली 2002 के प्रस्तर-3(1)(2) का स्पष्ट उल्लंघन है। उनके स्पष्टीकरण को असंतोषजनक मानते हुए शासन ने आदेशित किया है कि उक्त अवधि का वेतन उनकी पेंशन से वसूला जाएगा।
वहीं, बिना शासन अनुमति के विश्वविद्यालय में कार्यरत रहने के कारण श्री सुनील कुमार की उस अवधि की सेवा को वैध नहीं माना जाएगा और इसका उल्लेख उनकी सेवा पत्रावली में भी दर्ज किया जाएगा।
तकनीकी सचिव रंजीत सिन्हा ने निदेशक, प्राविधिक शिक्षा को निर्देश दिए हैं कि उक्त प्रकरण में नियमानुसार तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित कर शासन को अवगत कराया जाए।
- निदेशक,
प्राविधिक शिक्षा उत्तराखण्ड,
श्रीनगर गढ़वाल
शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या 08/XLI-A/21-41/10 टी०सी०-१ दिनांक 05 जनवरी, 2021 द्वारा श्री सुनील कुमार, व्याख्याता सी०एस०ई०, राजकीय पॉलीटेक्निक जाखणीधार (टिहरी गढ़वाल) को सूचना प्रौद्योगिकी / कम्प्यूटर साइंस के क्षेत्र में विशेषज्ञता (परीक्षा आयोजन हेतु) विशेषज्ञता को दृष्टिगत रखते हुए बीर माथो सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देहरादून में कार्य करने की अनुमति प्रदान की गयी थी।
2- श्री सुनील कुमार की शासन के कार्यालय आदेश संख्या-270/X11-A/2023-54/2014 ई-62474 दिनांक 05 मार्च 2024 द्वारा विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटर साईस पद पर पदोन्नति के उपरान्त दिनांक 11.03.2024 को मूल संस्थान, राजकीय पालीटेकनिक बछेलीखाल टिहरी में पूर्वान्ह में कार्यभार ग्रहण किया गया तथा श्री सुनील कुमार, विभागाध्यक्ष, कम्प्यूटर साइंस संस्थान, राजकीय पालीटेकनिक बछेलीखाल टिहरी को श्री आर०पी० गुप्ता, तत्कालीन निदेशक, प्राविधिक शिक्षा उत्तराखण्ड श्रीनगर गढ़वाल द्वारा बिना शासन की अनुमति के वीर माधो सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देहरादून में कार्य करने के आदेश संख्या 11518-29/ नि०प्रा०शि०/स्था०/2023-24 दिनांक 07 मार्च, 2024 द्वारा अपने स्तर से अनुमति निर्गत करते हुए श्री सुनील कुमार को मूल संस्थान, राजकीय पालीटेकनिक बछेलीखाल टिहरी से आहरित किये जाने के आदेश निर्गत किये गये। तदोपरान्त श्री सुनील कुमार द्वारा 12 मार्च, 2024 को वीर माधो सिंह भण्डारी
उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वेहरादून में अपना योगदान प्रस्तुत किया गया। 3- उक्त से स्पष्ट होता है कि श्री गुप्ता, द्वारा तत्कालीन निदेशक के पद पर रहते हुए अपने पद का दुरूपयोग कर कर्मचारी आचरण नियमावली, 2002 के प्रस्तर-3(1) (2) का उल्लंघन किया गया, इस संबंध में गुप्ता द्वारा प्रस्तुत किया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं है। बिना शासन की अनुमति प्राप्त किये संबंधित कार्मिक का आदेश दिनांक 07 मार्च, 2024 अपने स्तर से निर्गत किये जाने के दृष्टिगत उक्त अवधि का संबंधित कार्मिक का वेतन श्री गुप्ता तत्कालीन निदेशक की पेंशन से वसूल किया जायेगा। में श्री
4- श्री सुनील कुमार, विभागाध्यक्ष कम्प्यूटर साईस संस्थान, राजकीय पालीटेकनिक बछेलीखाल टिहरी को बिना शासन की अनुमति के वीर माधो सिंह भण्डारी, उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देहरादून में कार्यरत रहने पर उक्त समयावधि को सेवा में नहीं माना जायेगा। इस संबंध में इसका अंकन श्री सुनील कुमार की व्यक्तिगत पत्रावली में भी किया जायेगा।
कृपया तद्नुसार तत्काल नियमानुसार अग्रेत्तर आवश्यक कार्यवाही प्रारम्भ करते हुए कृतकार्यवाही से शासन को अवगत कराने का कष्ट करें।