Thursday, July 10, 2025
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*पौड़ी गढ़वाल :- सितोनस्यू पट्टी के तोणख्या गांव में आग का तांडव, चारों तरफ बर्वादी के निशान, ग्रामीणों को सरकार से राहत की उम्मीद*

*पौड़ी गढ़वाल :- सितोनस्यू पट्टी के तोणख्या गांव में आग का तांडव, चारों तरफ बर्वादी के निशान, ग्रामीणों को सरकार से राहत की उम्मीद*पौड़ी गढ़वाल । उत्तराखंड में वनाग्नि ने अपना तांडव मचाया हुआ है। पहाड़ धू-धू कर जल रहे हैं। राज्य सरकार ने आग को बुझाने लिए पूरी शक्ति लगाई हुई है।

हेलीकाॅप्टर से भी आग बुझाने का काम शुरू हो चुका है। बावजूद इसके आग के तांडव के आगे सिस्टम लाचार नजर आ रहा है। एक तरफ से बुझाई तो दूसरी तरफ फैल गई। आग का सबसे ज्यादा असर पौड़ी जनपद में देखने को मिल रहा है।

पौड़ी जिले के कई गांव में आग के तांडव के निशान देखे जा सकते हैं। ग्रामीणों के चेहरों पर उदासी, आंखों में आंसू और सूखे होंठों से इतने ही शब्द निकले कि सालभर की मेहनत पर आग ने फानी फेर दिया है। न अपने खाने के लिए सब्जियां बची हैं और न पशुओं के खाने के लिए चारा। आग की तपिश अभी भी बाकी है।

*सितोनस्यू पट्टी के तोणख्या गांव में आग का तांडव*

आग के ऐसे ही निशान देखने को मिले पौड़ी गढ़वाल जिले के कोट ब्लाॅक की सितोनस्यू पट्टी के तोणख्या गांव में। चारों तरफ आग से हुई बर्वादी के निशान हैं। तोणख्या गांव वालों ने जब अपने सामने के मसण गांव के जगलों और खेतों में आग लगी देखी तो इसकी सूचना राजस्व अधिकारियों और वन विभाग के संबधित अधिकारियों को दी। लेकिन किसी ने ग्रामीणों की सूचना पर गांव में आकर आग बुझाने की जहमत नहीं उठाई। ग्रामीणों ने अपनी तरफ से प्रयास शुरू किए, लेकिन आग बुझाने केे लिए सबसे जरूनी चीज पानी की कमी ने गांव वालों की सारी तैयारियों पर पानी फेर दिया। आग ने खेतों के साथ ही, स्कूल, कई मकानों को भी नुकसान पहुंचाया। ग्रामीणों ने बड़ी मुश्किल से अपने अपनी और अपने जानवरों की जान बचाई।

*ग्रामीणों को सरकार से राहत की उम्मीद*

तोणख्या गांव के निवासी और पेशे से किसान रविन्द्र कहते हैं कि आग का ऐसा तांडव पहले कभी नहीं देखा। मसाण गांव में आग की सूचना अधिकारियों को समय से दे दी थी, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। आग ने मौसमी फल-सब्जियों के साथ ही सारी खेती नष्ट कर दी। खाना बनाने के लिए सालभर से इकटठा की गई लकड़ियां, पसुओं का चारा आग से जलकर खाक हो गया है। गांव के स्कूल को भी आग ने अपनी चपेट में ले लिया साथ ही गौशालाओं और कई घरों को आग से नुकसान पहुंचा है। गांव के नलों में पानी न होने के कारण आग बुझाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। बड़ी मुश्किल से जानवरों की जान बचाई गई।
स्थानीय पटवारी और ग्राम सभा के प्रधान मौके पर आए थे । आपदा विभाग में भी खबर कर दी थी। रविन्द्र कहते हैं कि हमें राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से काफी उम्मीदे हैं। हमें ज्यादा कुछ नहीं चाहिए बस सरकार हमारे नुकसान की भरपाई कर दे। आग के कारण कुछ नहीं बचा है सिर्फ सरकार से उम्मीद हैं। आग की तपिश अभी भी बाकी है।

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