रामायण सर्किट स्पेशल ट्रेन साधु संतों के भारी विरोध के बाद बदली गई वेटरों की ड्रैस, भगवा पहनकर उठा रहे थे बर्तन,
दिल्लीः भारतीय रेलवे ने हिंदू तीर्थ यात्रियों के लिए राजधानी दिल्ली से 7 नवंबर से विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए रामायण एक्सप्रेस ट्रेन चलाई है। इस ट्रेन के चलने से पहले तो हिंदू समाज ने खूब प्रशंसा की । लेकिन कुछ दिनों में ही ट्रेन के वेटर की पोशाक पहनने पर साधु संतों ने अपनी कड़ी नाराजगी जताई। रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में सवार सभी वेटर्स भगवा ड्रेस पहने हुए थे। इसी को लेकर संत समाज खुलकर विरोध में उतर आया। उज्जैन अखाड़ा परिषद के पूर्व महामंत्री अवधेश पुरी ने सोमवार को कहा कि हमनें दो दिन पहले केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिखकर रामायण एक्सप्रेस ट्रेन में वेटर्स द्वारा भगवा ड्रेस में जलपान और भोजन परोसने के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया था।
साधु-संतों जैसे भगवा कपड़े और रुद्राक्ष की माला पहन कर इस ट्रेन में वेटर यात्रियों को जलपान और भोजन परोसते हैं जो हिंदू धर्म और उसके संतों का अपमान है। शाम होते होते रेलवे प्रबंधन ने रामायण एक्सप्रेस में सवार वेटर्स कि देश बदल दी। इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (आईआरसीटीसी) ने ट्विटर पर एलान किया कि इस ट्रेन के वेटर की पोशाक अब भगवा नहीं होगी। इसे बदलकर अब वेटर की परंपरागत पोशाक कर दी गई है। इसके बाद संतों ने इस फैसले की खुशी जताई है