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*दुर्लभ वयलकार ग्रहण ने भारत में दिन में किया अंधेरा* *अर्जुन सिंह भंडारी*

*दुर्लभ वयलकार ग्रहण ने भारत में दिन में किया अंधेरा*
*अर्जुन सिंह भंडारी*

 

अर्जुन भंडारी क्राइम रिपोर्टर
अर्जुन सिंह भंडारी वरिष्ठ क्राइम रिपोर्टर

कोरोनाकाल में आज भारत में वर्ष 2020 का पहला और आखिरी सूर्यग्रहण देखा जा रहा है।वैसे तो भारतीय खगोलविद व धर्मगुरुओं द्वारा इस ग्रहण की शुरुआत आदर्श समयानुसार 9:15मिनट से मानी गई थी परंतु आधिकारिक रूप से भारत में सूर्यग्रहण की शुरुआत राजस्थान के खरसाना में 10:10मिनट से हुई है जो 3:04 मिनट तक प्रभावी रहेगा।यह पिछले 20 वर्षों में भारत में प्रभावी सूर्यग्रहणों में से सबसे लंबा,तकरीबन छः घंटे तक रहने वाला सूर्यग्रहण होगा जो अपने आप में दुर्लभ है।
भारतवर्ष में पौराणिक काल से ही सूर्य को ऊर्जा को का स्रोत माना जाता रहा है जिससे सम्पूर्ण जीवन मात्र को ऊर्जा व जीवन यापन के साधन मिलते रहे है।सूर्य ग्रहण को लेकर भारत में हमेशा से ही खगोलीय शास्त्र व पौराणिक शास्त्रों के अनुसार ग्रहण महत्वपूर्ण रहा है। आज भारत समेत,दुबई, पाकिस्तान,चीन,नेपाल,अफ्रीका आदि देशों में इस सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा। यह सूर्यग्रहण भारत में पिछले 20 वर्षों छठवां व सबसे लंबी अवधि का सूर्यग्रहण है जिसमे वलयाकार सूर्यग्रहण हो रहा है। यह वलयाकार सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी से अधिक दूरी पर सूर्य व पृथ्वी के बीच आ जाता है।और सूर्य ग्रहण के मुताबिक पृथ्वी से अधिक दूरी पर होने के चलते चंद्रमा सूर्य के बीच के हिस्से को ही पूर्ण तरीके से ढक पाता है जिसके चलते सूर्य का बाहरी भाग चांद से ढकने में नाकाम रहता है(मात्र 99%)जिस वजह से सूर्य एक सोने के कंगन के आकर व वलय की तरह दिखाई देता है और इसी आकृति को वलयाकार सूर्यग्रहण कहा जाता है।भारत में प्रभावी हो रहे इस सूर्यग्रहण के चलते सूर्यग्रहण से 12 घंटे पूर्व ही भारत में सूतक काल प्रारम्भ हो गया था जो भारतीय समयानुसार कल रात 10बजकर 15मिनट से शुरू हुआ है।

भारत के राजस्थान के खरसाना में जहां यह सूर्यग्रहण 10 बजकर 10 मिनटसे प्रभावी रहा वहीं दिल्ली में 10 बजकर 20 मिनट से 1 बजकर 49मिनट, जम्मू में यह 10 बजकर 26 मिनट से दोपहर 1बजकर 42मिनट,भोपाल 10बजकर 11मिनट से दोपहर 1बजकर 48मिनट,विदिशा में 10बजकर 15मिनट से 1बजकर 49मिनट,इंदौर में 10बजकर 10मिनट से दोपहर 1 बजकर 43 मिनट,सूरत व नासिक में 10 बजकर 26 मिनट से दोपहर 1 बजकर 59 मिनट तक प्रभावी रहेगी।वहीं देश भर में सूर्य की यह वलयाकार आकृति दिल्ली,
नोएडा,अमृतसर,जम्मू,उज्जीन,पटना,देहरादून आदि शहरों में 12बजकर 05मिनट से दिखने को मिलेगी,वहीं इस सम्पूर्ण ग्रहण का सीधा प्रसारण हेतु इंडिया साइंस द्वारा कुरुक्षेत्र से किया जा रहा है।
भारत जैसे पौराणिक व शास्त्रों की पद्धति अपनाने वाले देश में सूर्यग्रहण नक्षत्रों व ग्रहों के हिसाब सभी महत्वपूर्ण हो जाता है।शास्त्रों के अनुसार सूर्यग्रहण के वक़्त राहु के द्वारा सूर्य को ग्रास बनाए जाने के चलते ऊर्जा के स्त्रोत सूर्य की शक्तियां कुछ समय के लिए क्षीण हो जाती है,जिस वजह से ग्रहण में सभी शुभ कार्यों को स्थगित किया जाता रहा है।भारतभर के कई जाने माने वेद शास्त्रियों व नक्षत्रशास्त्रियों के अनुसार इस सुर्यग्रहण का सबसे ज़्यादा प्रभाव मिथुन राशि व मृगशिरा राशि पर पड़ेगा।नक्षत्रशास्त्रियों के अनुसार वैसे तो सभी सूर्यग्रहण मनुष्य जीवन पर शुभ-अशुभ प्रभाव डालते है परंतु इस बार का सूर्यग्रहण दुर्लभ व अशुभ लगन में पड़ने के कारण अभी तक का सबसे अशुभ सूर्यग्रहण है जिसके चलते आने वाले समय में उनके द्वारा महामारी व अन्य संकट की आशंका बताई है। वहीं पौराणिक मान्यताओं में सूर्य की किरणों को भोजन पाचन से जोड़ा जाता रहा है जिस वजह से ग्रहण के वक़्त कुछ भी खाना-पीना अशुभ माना जाता है।भगवान को भी छूने की मनाही के चलते देश में आज सुबह से ही मंदिर के कपाट भी बंद रखे गए है जो दोपहर बाद पंडितों के बाद पूर्ण शुद्धिकरण के बाद ही खोले जाएंगे।
धर्मगुरुओं द्वारा जहां इसे स्वास्थ्य व नक्षत्र के हिसाब से अशुभ समय मानते हुए सूर्यग्रहण को न देखने की सलाह दी गयी है वहीं भारतीय खगोलविद द्वारा भी सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से देखने पर आंखों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की बात बताई है। जिसकव देखने के लिए वैज्ञानिकों द्वारा आईएसओ द्वारा प्रमाणित चश्मों व फ़िल्टर ग्लासेज,या टेलिस्कोप पर जोर दिया है।
वहीं भारत में अगला सूर्यग्रहण 20 मार्च 2034 ,फिर 17 फरवरी 2064 व इस सदी का आखिरी सूर्यग्रहण 22 जून 2085 को पड़ेगा।सूर्यग्रहण तीन प्रकार के होते है – पूर्ण,आंशिक और वलयाकार है। आज का सूर्यग्रहण मिलाकर यह बीते 20 वर्षों में पड़ने वाला छठवां सूर्यग्रहण है।वहीं 15 दिसंबर को भी एक सूर्यग्रहण होने को है परंतु वह भारत में प्रभावी नही होगा।
राजधानी दिल्ली के नेहरू तारामंडल द्वारा यह सूर्यग्रहण को दिखाने के लिए http://tinyurl.com/ybz9t3ec लिंक व बैंगलुरु के नेहरू तारामण्डल द्वारा www.taralaya.org के माध्यम से इसे ऑनलाइन देखे जाने की सेवा उपलब्ध करवाई है।

*उत्तराखंड में चार धाम के कपाट हुए बन्द*
आज भारत भर में सूर्यग्रहण के अशुभ लगन में पड़ने के चलते उत्तराखंड के चारो धाम सहित प्रदेश के सभी मंदिरों को कल रात 10बजकर 15मिनट पर बन्द कर दिया गया था। जिसको आज दोपहर 3बजकर 4 मिनट पर सभी धाम पंडों/रावल व मंदिर धर्माधिकारी द्वारा पूर्ण अनुष्ठान व शुद्धिकरण के बाद ही खोला जाएगा। वहीं कुछ मान्यता के अनुसार लुक लोग सम्पूर्ण ग्रहण के वक़्त पूर्ण व्रत का पालन कर अन्न-जल का त्याग भी करते है।
प्रदेश में सूर्यग्रहण की वलयाकार आकृति देहरादून,जोशीमठ व चमोली में मुख्य तौर पर देखने को मिलेगी जहां दोपहर में ही शाम जैसा अंधेरा देखने को मिलेगा जो 2 बजकर 5 मिनट के बाद ही साफ होगा।देहरादून में सूर्यग्रहण की वलयाकार आकृति जहां 12 बजकर 5 मिनट पर दिखाई देगी वहीं चमोली में यह 12 बजकर 8 मिनट व जोशीमठ में 12 बजकर 9 मिनट पर दिखेगा।

आज के सूर्यग्रहण में भारत के अलग अलग हिस्सों में सूर्य अलग अलग रंग का दिखाई दे रहा है।जम्मू मे सूर्य जहां लाल रंग का दिखा वहीं लखनऊ में सूर्य हरे रंग का दिखाई दिया। दुबई में सूर्यग्रहण में सूर्य सफेद सूर्य रंग से दिखा।

 

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