यमकेश्वर (पौड़ी गढ़वाल) यू तो प्रदेश भर से युवाओं के अपने गॉव के रास्ते, सड़क दुरुस्थ करने की खबरे लॉक डाउन में खूब देखने व पढ़ने को मिली, लेकिन इसका श्रेय अगर मिलना चाहिये तो यमकेश्वर के युवा रिटायर्ड फौजी व क्षेत्र पंचायत सदस्य बुंगा सुदेश भट्ट को उन्होंने ही यह सुरुवात की लॉक डाउन के सुरु होते ही अपने क्षेत्र से जो एक मिशाल बन गई। इसी से प्रेरणा लेकर प्रदेश में बहुत से गॉंवों में युवाओं ने अपने गॉव तक सड़के बना कर पहुँचा दी है।
यमकेश्वर ब्लाक की ग्राम सभा बूंगा पुरे लॉकडाउन के दौरान चर्चा व आकर्षंण का केंद्र बनी रही, जहां से हर रोज नये नये जन हितैषी व साहसिक व ऐतिहासिक कार्यों के सुखद समाचार प्राप्त हो रहे हैं। जिसे अंजाम देने मे लगे हैं पूर्व सैनिक व वर्तमान मे क्षेत्र पंचायत सदस्य सुदेश भट्ट जैसे ही लॉक डाउन लगा सुदेश भट्ट ने अपनी ग्राम सभा के सबसे दुर्गम गांव वीर काटल को सडक से जोडने के लिये ग्रामीणों व लॉक डाउन मे घर आये युवाओं से बैठक कर श्रमदान व आपसी सहयोग से ही सडक निर्मांण करने का आह्वान किया और समस्त युवाओं ने 34 दिन तक तपती गर्मी मे कडी मेहनत कर अपने क्षेत्र पंचायत के नेतृत्व मे गांव तक सडक पहुंचाकर दम लिया, जो पुरे देश मे चर्चाओं का केंद्र बिंदु बनी रही।
सुदेश भट्ट तब भी नही रुके व क्षेत्र की इस उपलब्धि को पुल के बिना अधुरा बताकर ग्रामींणों के साथ एक बार फिर बैठक किया, क्यों कि वीर काटल को मोहन चट्टी व ऋषीकेश से जोडने वाला पुल 2013 की आपदा मे ढह गया था तबसे ग्रामींण यहां पर पुल की मांग कर रहे थे उन्हे जन प्रतिनिधियों से कई बार चुनावी घोषंणायें व आश्वासन मिले लेकिन धरातल पर कार्य के नाम पर एक पत्थर भी नही रखा गया।
यमकेश्वर मे पर्यटन केंद्र के रुप मे विश्व भर मे अपनी पहिचान रखने वाले मोहन चट्टी से गांव की दुरी साढे तीन किमी है लेकिन मूलभूत सुविधाओं के अभाव मे वीर काटल अत्यधिक दुर्गम व पिछडे हुये क्षेत्रों मे शामिल है ।
सुदेश भट्ट के अनुसार क्षेत्रिय जन प्रतिनिधियों द्वारा उनके क्षेत्र की अनदेखी व ईस क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार से निराश होकर गांव मे मूलभूत सुविधाओं के लिये स्वयं ही संघर्ष करने का निर्णय लिया व पुल निर्मांण मे जुट गये 55 दिन तक पुल निर्मांण का कार्य युद्ध स्तर पर चलता रहा गांव के प्रति समर्पित ग्रामींणो ने अपने क्षेत्र पंचायत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर पुल निर्माण की शुरुवात करी जहां ग्रामीणों ने पुल निर्मांण मे दिन रात मेहनत की वहीं बूंगा- वीर काटल के प्रवासियों ने निर्मांण सामग्री मे आर्थिक सहयोग प्रदान कर अपने क्षेत्र पंचायत को प्रोत्साहित किया व आज कार्य के 55 वें दिन पुल निर्मांण का कार्य समाप्त हुआ।
आस पास के गांवों के ग्रामीण यमकेश्वर के कई पंचायत प्रतिनिधि क्षेत्र मे इस तरह के एतिहासिक कार्य मे निर्माण दल की हौसला अफजाई हेतु पशु प्रेमी सामाजिक कार्य कर्ता जगदीश भट्ट जी जिला पंचायत सदस्य भादसी क्रांति कपरुवांण क्षेत्र पंचायत सदस्य जुलेडी हरदीप कैंतुरा क्षेत्र पंचायत प्रतिनिधि कोठार व सामाजिक कार्य कर्ता उपेंद्र पयाल ग्राम प्रधान बिनक आशीष कंडवाल दिन भर लेंटर डालने मे ग्रामींणो के साथ खुब पसीना बहाते रहे सुबह 8 बजे शुरु हुवा लेंटर का कार्य शाम 6.40 मिनट तक चलता रहा।
संसाधनों के अभाव मे भी जंग जीती जा सकती है बुलंद हौसलों हो तो हर कार्य किये जा सकते हैं एक सैनिक से बेहतर उदाहरण ओर कोई नही दे सकता जिसका ज्वलंत उदाहरण है वीर काटल बूंगा का ये पुल जिसे भविष्य को देखते हुये वाहनों के आवागमन के तौर पर निर्मित किया गया है।
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