*पेड़ बचाओ सिर्फ एक नारा है, मेरा घर सबसे प्यारा है*
साभार
महेश मिश्रा (देशहित न्यूज)
पर्यावरण में बदलाव पर पूरा देश ध्यान केंद्रित कर रहा है और पर्यावरण में बदलाव को लेकर दुबई में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP28)कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई।पर्यावरण को बचाने के लिए सरकार और न्यायपालिका भी सक्रिय कार्रवाई कर रही है।इसके बावजूद ज्यादातर लोग पेड़ को बचाने के लिए गंभीर कदम नहीं उठा रहे हैं और घर के सामने खड़े हिस्से से भी उसे काट रहे हैं क्योंकि यह घर के सामने समस्या बन सकता है।
*किसी ने सही कहा है*
पेड़ काटने आये थे कुछ लोग मेरे गांव में, अभी धुप तेज़ है बोलकर बैठे भी थे उसकी छांव में”
मानव को फल और छाया देते हैं वृक्ष,
हवा को शुद्ध करते, ऑक्सीजन देते हैं वृक्ष,
पशु-पक्षी, कीट-पतंगे सबको घर देते हैं वृक्ष,
सभी जीवों को कितना कुछ देते हैं वृक्ष.
लोग पर्यावरण को लेकर अपने कर्तव्य के प्रति गंभीर नहीं हैं पेड़ अपने प्रति व्यवहार की परवाह किए बिना जनता और समाज के साथ खड़े हैंIऔर बिना किसी पक्षपात के अपना काम कर रहे हैं।
पेड़ आज भी गद्दार नहीं है उन्हें फल, फूल, छाया देने से इनकार नहीं हैं.
महेश मिश्रा (देशहित न्यूज)
कानूनी & राजनीतिक विश्लेषक पत्रकार (अधिवक्ता)
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