ओडिशा-: स्कूल दूर था, कई किलोमीटर साइकिल चलानी पड़ती थी तो ओडिशा के राउरकेला में रहने वाली तेजस्विनी प्रियदर्शिनी ने एक ऐसी साइकिल इजात कर दी जो हवा से चलती है।
तेजस्विनी की बनाई ये साइकिल पैडल से नहीं बल्कि हवा के दबाव से चलती है। ये हवा का दबाव आता है साइकिल के पीछे बंधे 10 किलो के सिलेण्डर से। ये सिलेण्डर इस साइकिल को 60 किमी तक बिना रुके चला सकता है।
तेजस्विनी ने ये साइकिल ऐसे समय में बनाई है जब सारा विश्व ग्लोबल वार्मिंग जैसी विशायकाय समस्या से लड़ रहा है और ऐसे संसाधनों को बनाने की कोशिश कर रहा जिससे जैव ईंधन के प्रयोग में कमी आए। इसके लिए पूरा संसार सोलर ऊर्जा और वायु ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है।
राउरकेला के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाली तेजस्विनी को ये आईडिया तब आया जब उसने साइकिल रिपेयर की दुकान पर एक मेकेनिक को हवा के दबाव के इस्तेमाल से उलझे टायर को ठीक करते देखा।
आइडिया आते ही अपने पिता की मदद से तेजस्विनी ने प्रयोग शुरू किये। कई डिजाइनों पर काम करने के बाद आखिरकार इन दोनों ने एक ऐसे सिलेण्डर तैयार किया जिसमें पानी भरने की सुविधा थी। दबाव मापने के लिए एक मीटर लगा था, टैंक को चालू करने के लिए एक बटन और साथ ही अगर दबाव ज्यादा हो जाए तो उसे कम करने के लिए वॉल्व भी लगी है।
जब बटन ऑन होती है तो सिलेण्डर से हवा का दबाव निकलकर पैडल के चक्के के पास लगी एयर गन तक पहुंचता है और छह ब्लेड वाले चक्के को चलाता है। इससे साइकिल चलने लगती है।
तेजस्विनि की बनाई साइकिल से दिव्यांग भी आसानी से आ और जा सकते हैं। इस तकनीक का उपयोग गाड़ियों या कारों में भी किया जा सकता है।