ऋषिकेश

एम्स ऋषिकेश में कोविड19 टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण आज से शुरू

 

ऋषिकेश-: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कोविड19 टीकाकरण अभियान का दूसरा चरण सोमवार को शुरू हो गया। दूसरे चरण के अभियान के पहले दिन एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत, डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता  समेत कई अन्य लोगों ने कोरोना टीकाकरण कराया। इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  ने बताया कि कोविड19 टीकाकरण के तहत दूसरी डोज लगने के बाद भी कोरोना का खतरा अभी अगले 2 महीने तक और रह सकता है। लिहाजा किसी को भी इसको लेकर लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।

रविवार को भारत सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन के बाद सोमवार से एम्स, ऋषिकेश में कोविड वैक्सीन टीकाकरण का दूसरा चरण शुरू कर दिया गया। संस्थान के आयुष भवन स्थित कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में सोमवार को अन्य लोगों के साथ साथ एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत  और डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने भी कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई।

इस मौके पर निदेशक एम्स प्रो. रवि कांत  ने बताया कि दूसरी डोज लगाने के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी किसी तरह की कोई शिकायत नहीं है। उन्होंने बताया कि वैक्सीन लगने पर कुछ सामान्य दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन यह वैक्सीन लगने के बाद के सामान्य लक्षण होते हैं। लिहाजा इनसे घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरी डोज लगने के बाद भी हमें कोरोना से बचाव के नियमों को नहीं भूलना है। उन्होंने कोविड संक्रमण से बचाव के लिए 5 बातों को विशेष ध्यान रखने और अनिवार्यरूप से इनका पालन करने की बात कही। कहा कि अगले 2 महीने तक दूसरी डोज लग जाने के बाद भी हमें सही ढंग से मास्क का दैनिक तौर से उपयोग करना होगा। इसके अलावा हाथों को साबुन से ठीक तरह से धोना, एक-दूसरे से 2 गज की दूरी बनाए रखना, किसी प्रकार के लक्षण दिखने पर स्वयं को अन्य लोगों से अलग करना तथा लक्षण दिखने पर तत्काल जांच कराना बहुत जरूरी है। निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने कहा कि वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के बाद एंटीबाॅडी बनने में 2 महीने लग जाते हैं। लिहाजा अगले 2 महीनों तक विशेष सावधानी बरतने की नितांत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोरोना पर विजय पाने के लिए जरूरी है कि प्रत्येक व्यक्ति कोविड वैक्सीन लगवाए।

दूसरी डोज लगने के बाद संस्थान के डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता  ने कहा कि टीकाकरण ही कोरोना से बचाव का एकमात्र उपाय है। उन्होंने कहा कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और लोगों को चाहिए कि किसी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान नहीं दें। उन्होंने कहा कि देश से कोरोना के खात्मे के लिए वैक्सीन लगवाना ही एकमात्र उपाय है। इस अवसर पर डीएमएस डा. अनुभा अग्रवाल, डा. रूवी गुप्ता, डा. मधुर उनियाल, डा. शैलेश, डा. देवेंद्र त्रिपाठी आदि फैकल्टी सदस्यों ने टीके लगवाए।

इस अवसर पर सामुदायिक एवं पारिवारिक चिकित्सा विभागाध्यक्ष प्रो. वर्तिका सक्सैना, वरिष्ठ सर्जन व आईबीसीसी प्रमुख प्रोफेसर बीना रवि, सीएफएम विभाग के डा. प्रदीप अग्रवाल, डा. योगेश बहुरूपी, डा. महेंद्र सिंह आदि मौजूद थे।

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