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उपनल कर्मियों की सेवाएं नहीं होंगी समाप्त ।

उपनल प्रबंधन ने शाम को जारी किया आदेश, कर्मियों ने किया स्वागत

देहरादून। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी पहले ही दिन से एक्शन में आ गए हैं। मंगलवार शाम को ही नई सरकार के नवगठित मंत्रिमंडल सदस्यों को उनके पोर्टफोलियो आवंटित होने के अगले दिन उन्होंने उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के माध्यम से विभिन्न विभागों से संविदा पर सेवायोजित कर्मियों को बड़ी राहत दी है। बीती 25 फरवरी को जारी उपनल कर्मियों की सेवा समाप्ति से संबंधित आदेश को उन्होंने तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। मंत्री के निर्देश के बाद उपनल के उप महाप्रबंधक कर्नल (सेनि) मनोज रावत ने भी शाम को इस संर्दभ में आदेश जारी कर दिए हैं। उन्होंने सभी विभागों व निगमों (जहां उपनल के माध्यम से कर्मचारी तैनात हैं) को लिखा है कि उपनल द्वारा प्रायोजित कर्मियों की सेवाएं समाप्त न की जाए।

बता दें कि उपनल के माध्यम से विभिन्न विभागों व निगमों में 22 हजार से अधिक कर्मचारी संविदा पर तैनात हैं। नियमितिकरण व समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग को लेकर ये कर्मचारी पिछले 24 दिन से आंदोलित हैं। उपनल प्रबंधन ने बीती 25 व 26 फरवरी को आदेश जारी किया था कि आंदोलन में शामिल जो कर्मचारी पांच दिन के भीतर कार्य पर वापस नहीं लौटता है उसकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। हालांकि इसके बाद भी उपनल कर्मी आंदोलन पर डटे हुए हैं। इस बीच बुधवार को सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने इस संर्दभ में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उपनल कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारी भी शामिल रहे। सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि उपनल कर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। उपनल कर्मियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन भी उन्होंने दिया है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि पूर्व में सेवा समाप्ति से संबंधित जो आदेश जारी किया गया है उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए। इसके बाद उपनल प्रबंधन की आेर से आदेश जारी कर कहा गया है कि किसी भी उपनल कर्मचारी की सेवा समाप्त नहीं की जाएगी। बैठक में रायपुर विस क्षेत्र के विधायक उमेश शर्मा काऊ, अपर सचिव सैनिक कल्याण प्रदीप सिंह रावत, उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर (सेनि) पीपीएस पाहवा, उपनल कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी, महामंत्री हेमंत रावत आदि भी मौजूद रहे।

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