महाराष्ट्र पुलिस को झटका देते हुए अर्नब गोस्वामी को कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का लिया फैसला
मुम्बई/रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को अलीबाग के एक स्थानिय कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का फैसला किया है। हालांकि पुलिस ने उन्हें अपनी रिमांड में लेने की अनुमति मांगी थी लेकिन कोर्ट ने फोर्स को झटका देते हुए ये मांग को खारिज कर दिया।
वहीं कोर्ट से बाहर आते हुए अर्नब गोस्वामी ने एक बार फिर दोहराया कि पुलिस हार गई है। मिली जानकारी के अनुसार कोर्ट ने पुलिस की रिमांड की मांग को खारिज करते हुए कहा कि बिना इजाजत के केस को दोबारा खोला गया।
वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि मामला 2019 में बंद कर दिया गया था। यह एक वंचित मामला है जिसे केवल प्रतिशोध के कारण दोबारा खोला गया है। उन्हें मामले को फिर से खोलने की अनुमति नहीं मिली है। यह पूरी बात मलेफाइड की है। यह मामला पूरी तरह से पुलिस को बहुत परेशानी में डालता है।
#LIVE on #IndiaWithArnab | कोर्ट ने पुलिस की रिमांड की मांग को खारिज करते हुए कहा कि 'बिना इजाजत के केस को दोबारा खोला गया।'
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— Republic Bharat – रिपब्लिक भारत (@Republic_Bharat) November 4, 2020
बता दें, देश के कई हिस्सों में महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं अर्नब के समर्थन में इंदौर जर्नलिस्ट एसोसिएशन आया है। एसोसिएशन ने अर्नब की गिरफ्तारी की तीखी आलोचना की है। बयान में अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा गया है कि, ‘अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है। महाराष्ट्र सरकार के इस कायराना कृत्य की सम्पूर्ण पत्रकार जगत ने निंदा की है।’