उत्तराखंडकोरोनादेहरादून

स्वास्थ्य कर्मियों से बदसलूकी व सार्वजनिक स्थलों पर थूकना भारी पड़ सकता है जानिए क्या क्या है प्रावधान।

1 प्रदेश में उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड19 संसोधन विनयमावली जारी।

2 स्वास्थ्य कर्मी से हिंसा गैर जमानती अपराध होगा।

3 एफ आई आर दर्ज होने के 30 दिन में जांच पूरी होगी।

4 मास्क न पहनने और थूकने पर जुर्माना ।

स्वास्थ्य कर्मियों से बदसलूकी पर 3 माह की सजा 50000 जुर्माना शासन ने करोना के मद्देनजर प्रदेश में उत्तराखंड राज्य महामारी कोविड-19 संशोधन नियमावली जारी कर दी है।

इसमें कहा गया है कि महामारी के दौरान सेवारत स्वास्थ्य कर्मी के विरुद्ध हिंसात्मक कार्रवाई अथवा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जाता है तो आरोपित को तीन माह से 5 वर्ष तक की सजा और ₹50000 से लेकर ₹200000 तक का जुर्माना भरना होगा ।स्वास्थ्य कर्मी से हिंसा गैर जमानती अपराध होगा इस पर एफ आईआर दर्ज होने के 30 दिन के भीतर जांच पूरी करने का प्रावधान किया गया है। राज्यपाल के अनुमोदन के बाद शासन ने महामारी रोग संशोधन अध्यादेश जारी करने के साथ ही उसको संशोधित नियमावली भी जारी कर दी है प्रभारी सचिव पंकज कुमार पांडेय द्वारा जारी की गई नियमावली में स्पष्ट किया गया है कि महामारी के दौरान सेवारत स्वास्थ्य कर्मी के विरुद्ध हिंसात्मक कार्य सरकारी संपत्ति को क्षति अथवा नुकसान भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आएगा। इस पर केंद्र सरकार द्वारा जारी महामारी रोग संशोधन अध्यादेश के अनुसार कार्रवाई की जाएगी केंद्र के अध्यादेश में स्वास्थ्य कर्मियों से मारपीट और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कड़ी कार्रवाई का प्राविधान है। इसमें यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि स्वास्थ्य कर्मी को गंभीर रूप से घायल किया जाता है तो 6 में से 7 साल ओर जुर्माना 1 लाख से ₹500000 तक लगाया जा सकता है इसके अलावा अदालत द्वारा तय मुआवजे को भी आरोपित द्वारा पीड़ित को देना होगा । सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में मुआवजा क्षति ग्रस्त सरकारी संपत्ति से दोगुना वसूला जाएगा । वहीं प्रदेश सरकार द्वारा जारी संशोधित विनयमावली में मास्क न पहनने और थूकने पर आरोपित को दंडित करने की कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है । पुलिस के सब इंस्पेक्टर और राजस्व निरीक्षक के अधिकारियों को जुर्माना वसूलने का अधिकार दिया गया है। पुरानी विनयमावली में दंड का नहीं बल्कि ऐसे मामलों में मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान था नई नियमावली में मौके पर ही जुर्माना वसूलने का प्रावधान किया गया है अध्यादेश में संशोधन कर इसे लागू करने वाला उत्तराखंड देश का तीसरा राज्य बन गया है। केरल, व उड़ीसा में संसोधित अध्यादेश लागू हो चुका है।

मुख्य बिंदु

अध्यादेश में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क ना पहनने पर पहली और दूसरी बार 100 -100 रुपए और उसके बाद हर बार ₹200 जुर्माने का प्रावधान किया गया है इसी प्रकार थूकने पर पहली बार ₹100 दूसरी बार ₹200 और फिर हर बार ₹500 दंड का प्रावधान किया गया है यह भी स्पष्ट किया गया है यदि जुर्माना नहीं दिया जाता अथवा इसमें आनाकानी की जाती है आरोपित को पांच ₹50000 का जुर्माना अथवा 6 माह का कारावास अथवा दोनों ही कर सकते हैं।

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